DNA और RNA का पूरा आपने इसमें से DNA का नाम सबसे ज्यादा सुना होगा जैसे DNA की जितनी इम्पोर्टेंस होती है उतनी ही RNA की भी भूमिका होती है ।
आज इस आर्टिकल में आपको डीएनए और आरएनए के फुल फॉर्म के साथ आपको इनके बारे में विस्तार से जानकारी मिलेगी ऐसे डीएनए RNA क्या होता है ? कितने प्रकार के होते है ? परिवर्तन कैसे होता है ?
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और डीएनए और आरएनए में क्या अंतर होता है पूरी जानकारी के लिए आप इस पोस्ट में Last तक जरुर बनें रहे ।
DNA RNA ka full form
DNA का पूरा नाम “Deoxyribonucleic Acid” होता है और RNA का पूरा नाम “Ribonucleic Acid” होता है। ये दोनों ही जैविक अणु हैं जो सभी ज्ञात जीवों और कई viruses के विकास, कार्य, वृद्धि और प्रजनन के लिए आनुवंशिक निर्देशों को वहन करते हैं।
DNA दो पॉलीन्यूक्लिओटाइड chains से बना होता है जो एक दूसरे के चारों ओर घूमकर डबल हेलिक्स का निर्माण करते हैं। RNA आमतौर पर single-series वाला biopolymer होता है जो कोशिकाओं में प्रोटीन संश्लेषण में कार्य करता है और कुछ viruse में genetic कोड के वाहक के रूप में DNA की जगह लेता है।
आरएनए का जनक कौन है ?
RNA की खोज और इसके अध्ययन में योगदान के लिए कई वैज्ञानिकों को मान्यता दी जाती है। विशेष रूप से, फ्रेडरिक मिशर को न्यूक्लिक एसिड की research के लिए जाना जाता है, जिसमें RNA भी शामिल है हालांकि, RNA के विभिन्न प्रकारों और उनके कार्यों की research और detail में अध्ययन करने वाले अन्य वैज्ञानिक भी हैं ।
जैसे कि रोबर्ट हॉली जिन्होंने tRNA की संरचना का अध्ययन किया इसलिए, RNA के ‘जनक’ के रूप में किसी एक व्यक्ति का नाम देना कठिन है, क्योंकि इसकी research और समझ में कई वैज्ञानिकों का योगदान रहा है।
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DNA और RNA क्या है?
Deoxyribonucleic Acid क्या होता है ?
Deoxyribonucleic Acid, जिसे हिंदी में डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक अम्ल कहा जाता है, एक जैविक अणु है जो सभी जीवित प्राणियों की कोशिकाओं के केन्द्रक में पाया जाता है और genetic information का वाहक होता है ।
यह अणु nucleotides के लंबे श्रृंखलाओं से बना होता है, जो एक दोहरी कुंडली (double helix) का आकार लेते हैं ।
DNA में 4 प्रकार के नाइट्रोजन आधार होते हैं- Adenine (A), Guanine (G), Cytosine ©, and Thymine (T) ये आधार एक विशेष क्रम में व्यवस्थित होते हैं, जो जीवों की विशेषताओं और कार्यों को निर्धारित करते हैं ।
DNA की यह विशेषता इसे जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बनाती है, क्योंकि यह जीवों के विकास और विविधता के लिए आवश्यक genetic instructions को stored और संचारित करता है।
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Ribonucleic Acid क्या होता है?
Ribonucleic Acid, जिसे हिंदी में राइबोन्यूक्लिक अम्ल कहा जाता है, एक जैविक अणु है जो कोशिका के केन्द्रक और कोशिकाद्रव्य में पाया जाता है। यह DNA से genetic information को साइटोप्लाज्म तक पहुँचाता है और कोशिका में कुछ रासायनिक प्रक्रियाओं को नियंत्रित करता है ।
RNA अणु न्यूक्लिओटाइड्स के लंबे chains से बना होता है और इसमें phosphate और ribose sugar की इकाइयां एकांतर में स्थापित होतीं हैं।
RNA में चार प्रकार के नाइट्रोजन आधार होते हैं- Adenine (A), Guanine (G), Cytosine ©, and Uracil (U) यह अणु जीवित प्राणियों के शरीर में genetic सामग्री को प्रवाहित करने और कोशिकाओं में प्रोटीन संश्लेषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है ।
RNA में कितने प्रकार होते हैं?
RNA मुख्यत 3 प्रकार का होता है –
mRNA (Messenger RNA)
mRNA प्रोटीन संश्लेषण के लिए केन्द्रक (Nucleus) में स्थित DNA से सूचना प्राप्त करता है और उसे प्रोटीन संश्लेषण के स्थान तक पहुँचाता है ।
tRNA (Transfer RNA)
tRNA प्रोटीन संश्लेषण के समय अमीनो अम्ल का Transfer करता है और राइबोसोम के A-स्थल में अमीनो अम्ल को जोड़ता है ।
rRNA (Ribosomal RNA)
rRNA राइबोसोम के संरचनात्मक और functional components के रूप में कार्य करता है ।
इन 3 प्रकार के RNA का मुख्य कार्य कोशिका में प्रोटीन संश्लेषण में सहायता करना है।
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इसके अलावा भी RNA के प्रकार होते है जो निम्न प्रकार है
snRNA (small nuclear RNA) – यह छोटे RNA अणु होते हैं जो कोशिका के nuclear में पाए जाते हैं और RNA splicing में भाग लेते हैं
miRNA (micro RNA) -ये छोटे RNA अणु होते हैं जो जीन अभिव्यक्ति को नियंत्रित करने में मदद करते हैं ।
siRNA (small interfering RNA)- ये डबल-स्ट्रैंडेड RNA अणु होते हैं जो जीन साइलेंसिंग में भाग लेते हैं ।
piRNA (piwi-interacting RNA)- ये छोटे RNA अणु होते हैं जो जीनोमिक स्थिरता और जर्म सेल्स में ट्रांसपोजन को नियंत्रित करते हैं ।
snoRNA (small nucleolar RNA)- ये छोटे RNA अणु होते हैं जो राइबोसोमल RNA के मॉडिफिकेशन में मदद करते हैं ।
ये सभी RNA के प्रकार कोशिका के विभिन्न कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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डीएनए से RNA में परिवर्तन (transcription) कैसे होता है?
डीएनए से RNA में परिवर्तन, जिसे अनुलेखन (Transcription) कहते हैं, एक जटिल biochemical process है। इस प्रक्रिया में, डीएनए की जानकारी को RNA में बदला जाता है ताकि प्रोटीन संश्लेषण हो सके। यहाँ इस प्रक्रिया के मुख्य 3 चरण होते है
इनिशिएशन (Initiation)
polymerase enzyme dna के उस खास हिस्से से जुड़ता है जहाँ से transcription शुरू होना है। यह डीएनए के दोहरे हेलिक्स को खोलता है और एक template strand तैयार करता है।
एलोंगेशन (Elongation)
RNA पॉलीमरेज डीएनए के टेम्पलेट स्ट्रैंड के साथ चलते हुए न्यूक्लिओटाइड्स को जोड़ता है और एक पूर्वानुलेखित RNA श्रृंखला (pre-mRNA) बनाता है।
टर्मिनेशन (Termination)
RNA पॉलीमरेज एक विशेष सिग्नल पर पहुँचने पर डीएनए से अलग हो जाता है और नवनिर्मित RNA श्रृंखला को छोड़ देता है।
इसके बाद, pre transcribed RNA में संशोधन होता है जैसे कि कैपिंग, टेलिंग और स्प्लाइसिंग, जिससे यह परिपक्व mRNA बन जाता है जो प्रोटीन संश्लेषण के लिए तैयार होता है ।
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RNA प्रोसेसिंग (Processing) में कौन-कौन से चरण होते हैं?
RNA प्रोसेसिंग में मुख्यतः 3 चरण होते हैं:
कैपिंग (Capping)
प्राथमिक transcript के 5’ सिरे पर एक विशेष न्यूक्लिओटाइड कैप जोड़ा जाता है, जो इसे स्थिरता प्रदान करता है और इसे ribosome द्वारा पहचाने जाने में मदद करता है ।
टेलिंग (Tailing)
3’ सिरे पर एक पॉली-A टेल जोड़ा जाता है, जो mRNA की स्थिरता और उसके साइटोप्लाज्म में परिवहन में सहायता करता है ।
स्प्लाइसिंग (Splicing)
इस चरण में, इंट्रॉन्स (non-coding region) को हटा दिया जाता है और एक्सॉन्स (coding area) को जोड़ा जाता है, जिससे एक परिपक्व mRNA अणु बनता है जो प्रोटीन संश्लेषण के लिए तैयार होता है ।
ये चरण RNA को उसके निर्माण के बाद प्रोटीन संश्लेषण के लिए तैयार करने के लिए आवश्यक होते हैं।
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डीएनए vs आरएनए में क्या अंतर
डीएनए (DNA) और आरएनए (RNA) दोनों ही जैविक अणु हैं जो जीनों की जानकारी को संग्रहित और प्रसारित करते हैं, लेकिन इनमें कुछ महत्वपूर्ण अंतर होते हैं-
संरचना (structure)
DNA दोहरी कुंडली (double helix) की संरचना वाला अणु है, जबकि RNA आमतौर पर एकल कुंडली (single-stranded) की संरचना वाला होता है ।
शर्करा का प्रकार (type of sugar)
DNA में डीऑक्सीराइबोस शर्करा (deoxyribose sugar) होती है, जबकि RNA में राइबोस शर्करा (ribose sugar) होती है ।
नाइट्रोजन आधार (nitrogen base)
DNA में चार प्रकार के नाइट्रोजन आधार होते हैं – Adenine (A), Guanine (G), Cytosine ©, and Thymine (T) जबकि RNA में थाइमिन की जगह Uracil (U) होता है ।
कार्य (Work)
DNA मुख्य रूप से genetic information को संग्रहित करता है और कोशिका के गुणों और कार्यों को निर्धारित करता है।
RNA का मुख्य कार्य प्रोटीन संश्लेषण में सहायता करना है, जिसमें mRNA प्रोटीन के निर्माण के लिए निर्देश प्रदान करता है, tRNA अमीनो अम्ल को ribosome में ले जाता है, और rRNA राइबोसोम के संरचनात्मक और functional components के रूप में कार्य करता है।
स्थान (place)
DNA आमतौर पर कोशिका के केन्द्रक में पाया जाता है, जबकि RNA कोशिका के केन्द्रक और कोशिकाद्रव्य दोनों में पाया जाता है ।
ये अंतर DNA और RNA के बीच की मौलिक भिन्नताओं को दर्शाते हैं और इनके विभिन्न जैविक कार्यों को समझने में help करते हैं।
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आरएनए जीव विज्ञान का इतिहास
आरएनए जीव विज्ञान का इतिहास molecular biology and molecular जीव विज्ञान के विकास से जुड़ा है।
1869- फ्रेडरिच मिशर ने कोशिका के केन्द्रक से एक मिश्रण की खोज की, जिसे Nuclein कहा गया और जो बाद में DNA के रूप में पहचाना गया1.
1928- फ्रेडरिक ग्रिफिथ ने न्यूमोनिया के बैक्टीरिया पर Research करते हुए डीएनए के genetics पदार्थ होने के evidence प्रस्तुत किए ।
1944- ओसवाल्ड एवरी ने दिखाया कि प्रोटीन नहीं बल्कि डीएनए genetic information का वाहक है ।
1953- जेम्स वाटसन और फ्रांसिस क्रिक ने DNA की double helix structure की पहचान की, जिससे आणविक जीव विज्ञान में एक नया युग शुरू हुआ ।
इन खोजों ने जीव विज्ञान के molecular biology field में नई दिशाएँ प्रदान कीं और आरएनए की भूमिका और महत्व को समझने में Helpकी।
आरएनए और डीएनए की structure and functions की गहराई से समझ ने जीव विज्ञान के कई नए द्वार खोले। इस तरह, आरएनए जीव विज्ञान का इतिहास जीवन की molecular समझ के विकास के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है।
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FAQ of RNA (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न )
प्रश्न 1. RNA का पूरा नाम क्या है ?
RNA का पूरा नाम “Ribonucleic Acid”, जिसे हिंदी में “राइबोन्यूक्लिक अम्ल “कहा जाता है ।
प्रश्न 2. RNA में कौन सी शर्करा पाई जाती है?
RNA में पाई जाने वाली शर्करा राइबोस (Ribose) होती है1। यह एक पांच-कार्बन वाली शर्करा है जो RNA की संरचना में न्यूक्लिओटाइड्स को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
प्रश्न 3. आर एन ए की खोज कब हुई थी?
RNA की research स्विस वैज्ञानिक फ्रेडरिक मिशर ने 1868 में की थी। उन्होंने nucleic acids को पहली बार अलग किया था, जो बाद में RNA का हिस्सा पाया गया ।
प्रश्न 4. RNA का मुख्य कार्य क्या है?
RNA का मुख्य कार्य variants of genes और प्रोटीन उत्पादन में सहायक होना है। यह जैविक प्रक्रियाओं में एक अहम भूमिका निभाता है, जैसे कि कोशिका में प्रोटीन का संश्लेषण, जो RNA अणुओं द्वारा ही होता है।
RNA तीन प्रकार का होता है – mRNA, tRNA, और rRNA – और प्रत्येक का अपना विशिष्ट कार्य होता है जो प्रोटीन संश्लेषण की Process में योगदान देता है
Rani इस ब्लॉग की लेखिका है जो आपके लिए रोजाना Organization , Science , And इलेक्ट्रिसिटी से सम्बंधित नए – नए लेख प्रकाशित करती है ।
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