DBT Full Form In Hindi – क्यों बैंक खाते में डीबीटी जरुरी होता है?

DBT यह एक ऐसा Payment ट्रान्सफर करने के माध्यम है जिसके सरकार लाभार्तियों के खाते में डायरेक्ट पैसे ट्रान्सफर करती है । DBT Full Form In Hindi में आज आपको DBT सिस्टम के बारे में जानकारी मिलेगी ।

आज भारत में लगभग 60% से अधिक लोगों के DBT के बारे में जानकारी नही है , जिससे लोगों को उसका लाभ नही मिल पा रहा है । आज की ये जानकारी उन्ही लोगो के सवालों पर होने वाली है जैसे –

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DBT का फुल फॉर्म क्या है ? DBT क्या होता है ? DBT के लिए रजिस्ट्रेशन कैसे करें ? क्या लाभ होते है ? कौन कौन से Document लगते है ? ,DBT कैसे चेक करें ? DBT का उपयोग कन्हा होता है ? पूरी जानकारी के लिए आप मेरे साथ अंत तक जरुर बने रहे ।

DBT Full Form In Hindi

DBT Full Form In Hindi “Direct Benefit Transfer” होता है। DBT को हिंदी में “प्रत्यक्ष लाभ अंतरण” कहते हैं। DBT एक पैसे को ट्रांसफर करने का माध्यम है। इसे भारत सरकार के द्वारा प्रचलन में लाया जाता है।

DBT क्या है ?

Direct Benefit Transfer (DBT) एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें सरकार द्वारा दिए जाने वाले विभिन्न योजनाओं का लाभ सीधे लाभार्थियों के Bank खाते में Transfer किया जाता है। इससे बीच के दलालों और भ्रष्टाचार को रोका जा सकता है, और लाभार्थियों को उनका हक जल्दी और पूरा मिल सकता है।

DBT का उद्देश्य भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले कई योजनाओं का पैसा लाभार्थियों को वितरित करने में पारदर्शिता लाना और भ्रष्टाचार को कम करना है। DBT के माध्यम से लाभार्थियों को कोई भी लाभ या सब्सिडी उनके Bank खाते में Transfer किया जाता है।

Direct Benefit Transfer को 1 जनवरी 2013 में शुरू किया गया था। इसके लिए आधार कार्ड का उपयोग किया जाता है, जो एक अद्वितीय और विश्वसनीय पहचान प्रमाण है। आधार कार्ड को Bank खाते से लिंक करना होता है, ताकि लाभ का Transfer हो सके।

Direct Benefit Transfer के अंतर्गत वर्तमान में 314 योजनाएं शामिल हैं, जो 54 मंत्रालयों से संबंधित हैं। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण योजनाएं निम्नलिखित हैं:

  1. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि
  2. प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना
  3. प्रधानमंत्री आवास योजना
  4. प्रधानमंत्री जन धन योजना

DBT के लिए पंजीकरण कैसे करें?

DBT के लिए पंजीकरण करने के लिए आपको अपने आधार कार्ड को अपने Bank खाते से लिंक करना होगा। इससे आपको विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे अपने Bank खाते में मिलेगा। आधार कार्ड को Bank खाते से लिंक करने की प्रक्रिया निम्नलिखित है:

  1. सबसे पहले आपको अपने Bank की शाखा में जाना होगा, जहां आपका खाता है।
  2. वहां आपको आधार सीडिंग का Form मिलेगा, जिसे आपको भरना होगा। Form में आपको अपना आधार नंबर, Bank खाता नंबर, mobile number और अन्य जानकारी देनी होगी।
  3. Form को भरने के बाद, आपको अपना आधार कार्ड और Bank Passbook की कॉपी Form के साथ जमा करनी होगी।
  4. बैंक कर्मचारी आपके Documents को जांचेंगे और आपके आधार कार्ड को अपने Bank खाते से लिंक करेंगे।
  5. आपको एक एक्सनालेजमेंट Slip मिलेगा, जिसमें आपका आधार नंबर और Bank खाता नंबर होगा। इस Slip को आपको सुरक्षित रखना होगा।
  6. आपके आधार कार्ड को bank accounts से लिंक करने के बाद, आपको एक ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) मिलेगा, जिसे आपको अपने मोबाइल फोन पर डायल करना होगा।
  7. OTP डायल करने के बाद, आपका आधार कार्ड NPCI (नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया) के सर्वर से लिंक हो जाएगा। NPCI एक ऐसा संगठन है, जो भारत में digital payments को संचालित करता है।
  8. NPCI से लिंक होने के बाद, आपका DBT के लिए Registration पूरा हो जाएगा। अब आपको विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे अपने Bank खाते में मिलेगा।

DBT कैसे चेक करें ?

DBT का उपयोग करने के लिए, आपको अपने आधार कार्ड को अपने BANK खाते से लिंक करना होगा। इसके बाद, आप अपने DBT स्टेटस को ऑनलाइन चेक कर सकते हैं।

DBT स्टेटस चेक करने के लिए, आप निम्नलिखित चरणों का पालन कर सकते हैं :-

  1. सबसे पहले, आप PFMS पोर्टल पर जाएं। PFMS का मतलब है Public Financial Management System, जो भारत सरकार द्वारा DBT पेमेंट्स को संचालित करने के लिए एक Online प्लेटफॉर्म है।
  2. इसके बाद, आप ‘Services’ विकल्प पर क्लिक करें।
  3. फिर, आप ‘DBT Payment Tracking’ विकल्प पर क्लिक करें।
  4. अब, आपको अपनी योजना का चयन करना होगा, जिसका लाभ आप प्राप्त करना चाहते हैं। आपको एक drop down menu में विभिन्न योजनाओं की List दिखाई देगी।
  5. उदाहरण के लिए, अगर आप प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना का लाभ लेना चाहते हैं, तो आपको PM-KISAN योजना का चयन करना होगा।
  6. इसके बाद, आपको अपना Registration नंबर या योजना आईडी नंबर दर्ज करना होगा। Registration नंबर या योजना आईडी नंबर वह है, जो आपको योजना के लिए Apply करते समय मिलता है।
  7. फिर, आपको कैप्चा Code दर्ज करना होगा। कैप्चा कोड वह है, जो आपको Screen पर दिखाई देता है। यह एक सुरक्षा उपाय है, जो यह सुनिश्चित करता है कि आप एक मानव हैं, और न कि कोई Robot ।
  8. अंत में, आप ‘Search’ बटन पर क्लिक करें।

इससे, आपका DBT status आपको दिखाई देगा। आपको यह जानकारी मिलेगी, कि आपको कितना लाभ मिला है, कब मिला है, और कौन सी Bank में मिला है।

DBT ACCOUNT के लाभ

DBT ACCOUNT का मतलब है कि आपका बैंक खाता आधार से लिंक हो गया है और आप विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे अपने खाते में प्राप्त कर सकते हैं।

DBT ACCOUNT के लाभ निम्नलिखित हैं :-

  1. आपको बिचौलियों का शिकार होने की संभावना कम हो जाती है, क्योंकि आपको किसी को भी कोई कमीशन (commission) या रिश्वत नहीं देनी होती है।
  2. आपको अपना पैसा (Amount) जल्दी और सुरक्षित रूप से मिलता है, क्योंकि आपको किसी भी प्रकार की Paper Work या लाइन में लगने की जरूरत नहीं होती है।
  3. आपको अपने Account की स्थिति और लेन-देन की जानकारी आसानी से मिल जाती है, क्योंकि आप अपने मोबाइल फोन या Internet के माध्यम से अपना बैंक DBT स्टेटस चेक कर सकते हैं।
  4. आपको विभिन्न government schemes का लाभ मिलता है, जैसे कि PM किसान, उज्ज्वला योजना, छात्रवृत्ति, पेंशन, LPG subsidy, आदि। ये योजनाएं आपकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति को बेहतर बनाने में मदद करती हैं।

DBT के लिए डॉक्यूमेंट ?

डीबीटी के लिए Document कौन कौन से लगते है जो निम्नलिखित है :-

आधार कार्ड (Aadhar Card)

आधार कार्ड आपकी पहचान का एक Important Documents है, जिसमें आपका नाम, पता, जन्म तिथि, लिंग, फोटो, आधार नंबर और बायोमेट्रिक (biometric) डेटा होता है।

आपको अपना आधार कार्ड अपने Bank खाते से लिंक करना होगा, ताकि आपको DBT का लाभ मिल सके। आधार कार्ड को Bank खाते से लिंक करने की प्रक्रिया के बारे में मैंने आपको पहले ही बताया है।¹

बैंक पासबुक (Bank passbook)

Bank passbook आपके बैंक खाते का एक रिकॉर्ड है, जिसमें आपका नाम, खाता नंबर, Ifsc code , बैंक का नाम, शाखा का नाम, खाते की शुरुआत की तारीख, खाते की प्रकार, खाते की शेष राशि, और आपके द्वारा किए गए सभी लेन-देन की जानकारी होती है।

आपको अपना Bank passbook अपने आधार कार्ड के साथ Bank में जमा करना होगा, ताकि आपका खाता DBT के लिए योग्य हो सके।

मोबाइल नंबर (Mobile number)

मोबाइल नंबर आपके Bank खाते से जुड़ा हुआ होना चाहिए, ताकि आपको अपने Account की स्थिति और लेन-देन की जानकारी आसानी से मिल सके। आपको अपना Mobile numberअपने बैंक में Update करवाना होगा, ताकि आपको DBT के लिए एक ओटीपी (One Time Password ) मिल सके।

ओटीपी को आपको अपने मोबाइल फोन पर डायल करना होगा, ताकि आपका खाता NPCI (National Payments Corporation of India) के सर्वर से लिंक हो जाए। NPCI एक ऐसा संगठन है, जो भारत में डिजिटल पेमेंट्स को संचालित करता है।

ये थे कुछ मुख्य Document , जो आपको DBT के लिए लगाने होंगे। इनके अलावा, आपको अपनी योजना के अनुसार कुछ और Document भी लगा सकते हैं, जैसे कि

  • किसान पंजीकरण कार्ड,
  • राशन कार्ड,
  • आय प्रमाण पत्र,
  • जाति प्रमाण पत्र, आदि।

भारत में कितने DBT Scheme है ?

DBT Scheme का मतलब है Direct Benefit Transfer Scheme, जिसके तहत सरकार द्वारा दिए जाने वाले विभिन्न योजनाओं का लाभ सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में Transfer किया जाता है। इस स्कीम को 1 जनवरी 2013 में लॉन्च किया गया था।

DBT Scheme के अंतर्गत वर्तमान में 54 मंत्रालयों से 314 योजनाएं शामिल हैं। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण योजनाएं निम्नलिखित हैं:

  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY)
  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (NFSM)
  • प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY)
  • पीएम किसान
  • स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण
  • अटल पेंशन योजना
  • राष्ट्रीय आयुष मिशन
  • उज्ज्वला योजना आदि।

DBT स्कीम को 2013 में Launch किसने किया था ?

Direct Benefit Transfer Scheme, जिसके तहत सरकार द्वारा दिए जाने वाले विभिन्न योजनाओं का लाभ सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में Transfer किया जाता है। इस स्कीम को 1 जनवरी 2013 में लॉन्च किया गया था।

इस scheme को Launch करने वाले व्यक्ति का नाम डॉ. मनमोहन सिंह है, जो तब भारत के प्रधानमंत्री (PM) थे। उन्होंने इस स्कीम को एक नए युग की शुरुआत और एक नए भारत की नींव बताया था। उन्होंने इस scheme के जरिए गरीबों को अपने हक का पैसा सीधे उनके हाथ में देने का वादा किया था।

डीबीटी scheme को लॉन्च करने में उनके साथ कई अन्य मंत्रियों और अधिकारियों (officials) ने भी अहम भूमिका निभाई थी। उनमें से कुछ हैं:

  • श्री पी चिदंबरम, जो तब वित्त मंत्री (Finance Minister) थे।
  • श्री जयराम रमेश, जो तब ग्रामीण विकास मंत्री (Rural Development Minister) थे।
  • श्री एन किरण कुमार रेड्डी, जो तब आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री (CM) थे।
  • श्री नंदन नीलेकनी, जो तब आधार परियोजना के अध्यक्ष थे।
  • श्री रघुराम राजन, जो तब वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) के मुख्य आर्थिक सलाहकार थे।

क्या DBT Scheme सरकारी बैंकों में ही available है

DBT Scheme के लिए आपको सरकारी Bank में ही अपना खाता होना जरूरी नहीं है। आपको किसी भी बैंक में अपना खाता होना चाहिए, जो NPCI (National Payments Corporation of India) के सर्वर से जुड़ा हो। NPCI एक संगठन है, जो भारत में Digital Payments को संचालित करता है।

IPS का फुल फॉर्म

बैंक में डीबीटी कितने दिन में होती है ?

बैंक में DBT कितने दिन में होती है, यह निम्नलिखित बातों पर निर्भर करता है :-

योजना का प्रकार

अलग-अलग योजनाओं के लिए अलग-अलग DBT की प्रक्रिया होती है। कुछ योजनाओं के लिए DBT तुरंत हो जाती है, जैसे कि LPG सब्सिडी, जो आपके बैंक खाते में गैस सिलेंडर Book करने के तुरंत बाद आ जाती है। कुछ योजनाओं के लिए DBT कुछ दिनों या हफ्तों में होती है, जैसे कि पेंशन, छात्रवृत्ति, किसान सम्मान निधि, आदि।

बैंक का प्रकार

DBT के लिए आपका बैंक खाता NPCI (National Payments Corporation of India) के सर्वर से जुड़ा होना चाहिए। NPCI एक संगठन है, जो भारत में डिजिटल पेमेंट्स को संचालित करता है। अगर आपका बैंक खाता NPCI के सर्वर से जुड़ा है, तो आपको DBT जल्दी मिलेगी। अगर आपका बैंक खाता NPCI के सर्वर से जुड़ा नहीं है, तो आपको DBT मिलने में देरी हो सकती है।

आधार लिंकिंग का स्थिति

DBT के लिए आपको अपने बैंक खाते को अपने आधार कार्ड से Link करना होगा। अगर आपने अपने Bank खाते को आधार कार्ड से Link नहीं किया है, तो आपको डीबीटी नहीं मिलेगी। आप अपने Bank खाते और आधार कार्ड के Linking की स्थिति को चेक कर सकते हैं।

इस प्रकार, बैंक में DBT कितने दिन में होती है, यह उपर्युक्त तीन बातों पर निर्भर करता है। आमतौर पर, डीबीटी 2 से 15 दिनों के भीतर हो जाती है। लेकिन, यह भी हो सकता है कि किसी technical fault, बैंक बंद, या अन्य कारणों से DBT में देरी हो सकती है।

इसलिए, आपको अपने बैंक खाते की transaction statement को नियमित रूप से चेक करना चाहिए ।

CBI का फुल फॉर्म

DBT का उपयोग कहां होता है?

DBT का उपयोग भारत में विभिन्न क्षेत्रों में होता है। DBT का मुख्य उद्देश्य सरकार द्वारा दिए जाने वाले लाभ या सब्सिडी को सीधे beneficiaries के Bank खाते में Transfer करना है। इससे बिचौलियों का हस्तक्षेप कम होता है और beneficiaries को पारदर्शिता और तेजी से पैसे मिलते हैं।

DBT का उपयोग निम्नलिखित क्षेत्रों में होता है : –

कृषि (Agriculture)

DBT का उपयोग कृषि क्षेत्र में किसानों को कृषि यंत्र, बीज, उर्वरक, सिंचाई, बीमा आदि पर सब्सिडी देने के लिए किया जाता है। इससे किसानों को उन्नत खेती करने में मदद मिलती है और उनकी आय में वृद्धि होती है। कुछ प्रमुख कृषि योजनाएं जिनमें DBT का उपयोग होता है, निम्न हैं:

शिक्षा (Education)

DBT का उपयोग शिक्षा क्षेत्र में विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति, शुल्क छूट, उपकरण, वर्दी, पुस्तकें आदि प्रदान करने के लिए किया जाता है। इससे विद्यार्थियों को शिक्षा प्राप्त करने में सहायता मिलती है और उनके भविष्य के लिए अच्छे अवसर बनते हैं। कुछ प्रमुख शिक्षा योजनाएं जिनमें DBT का उपयोग होता है, निम्न हैं:

  •  प्रधानमंत्री विद्या लक्ष्मी योजना (PMVLY)
  •  प्रधानमंत्री उच्च शिक्षा अभियान (PMUHA)
  1. MBBS का फुल फॉर्म क्या है ?
  2. बी फार्मा का फुल फॉर्म क्या है ?
  3. PNST का फुल फॉर्म क्या है ?
  4. DMLT का फुल फॉर्म क्या है ?

निष्कर्ष

DBT Full Form In Hindi आज के इस Post से आपको DBT का फुल फॉर्म क्या है ? DBT क्या होता है ? इसके बारे में अच्छे से जानकारी हो गयी होगी । उम्मीद है आपको यह Article पसंद आया होगा अगर आपका कोई सवाल हो तो आप Comment के माध्यम से पूछ सकते है ।

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FAQ Of DBT (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न )

प्रश्न 1. DBT का पूरा नाम क्या है ?

DBT का फुल फॉर्म “Direct Benefit Transfer” होता है। DBT को हिंदी में “प्रत्यक्ष लाभ अंतरण” कहते हैं।

प्रश्न 2. भारत में डीबीटी कब शुरू हुआ ?

इस स्कीम को 1 जनवरी 2013 में लॉन्च किया गया था । इस scheme को Launch करने वाले व्यक्ति का नाम डॉ. मनमोहन सिंह है, जो तब भारत के प्रधानमंत्री (PM) थे।

प्रश्न 3. भारत में कितनी डीबीटी योजनाएं हैं ?

भारत में Direct Benefit Transfer के अंतर्गत वर्तमान में 314 योजनाएं शामिल हैं, जो 54 मंत्रालयों से संबंधित हैं।

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