Police Full Form in Hindi – 12th के बाद पुलिस की तैय्यारी कैसे करें ?

पुलिस इस शब्द को रोज दैनिक दिनचर्या में सुनते और देखते रहते है और आपको पुलिस का क्या काम होता है इसकी भी जानकारी भलीभांति होगी । लेकिन क्या आप Police का फुल फॉर्म क्या होता है ?

शायद आप नही जानते होंगे इसलिए आपको लिए आज Police की पूर्ण जानकारी लेकर आयें है आज इस पोस्ट में चर्चा करेंगे Police का फुल फॉर्म क्या होता है ? Police क्या होती है ? Police कितने प्रकार की होती है ?

Whatsapp Channel
Telegram channel

Police का क्या इतिहास है ? और भारत में पुलिस की क्या भूमिका होती है और 12th के बाद पुलिस की तैय्यारी कैसे है ? पूरी जानकारी के लिए आप इस पोस्ट में अंत तक जरुर बनें रहे ।

Police Full Form in Hindi

Police Full Form in Hindi “Public Officer for Legal Investigations and Criminal Emergencies” जिसे हिंदी में “कानूनी जांच और आपराधिक आपात स्थिति के लिए लोक अधिकारी” कहा जाता है।

PPublic जनता
OOfficer for के लिए अधिकारी
LLegal कानूनी
IInvestigations and जांच और
CCriminal आपराधिक
E Emergenciesआपात्कालीन स्थिति

पुलिस क्या होती है ?

पुलिस को सरल शब्दों में ऐसे लोगों का समूह कहा जा सकता है जो देश की अन्दरूनी सुरक्षा और न्याय व्यवस्था को बनाए रखने के लिए काम करते हैं।

Police full form in hindi
Credited by : wallpaper.com

पुलिस का काम है अपराधियों को पकड़ना, अपराधों की जांच करना, यातायात नियंत्रण करना, लोगों की सहायता करना, और देश की सम्पत्ति की रक्षा करना। पुलिस के विभिन्न पद और प्रतीक होते हैं जो इनकी जिम्मेदारी और अधिकार को दर्शाते हैं।

पुलिस का इतिहास

पुलिस का शब्द ग्रीक भाषा के ‘polis’ से लिया गया है, जिसका अर्थ है ‘शहर’ या ‘राज्य’। पुलिस की संस्था का उद्देश्य शांति और व्यवस्था को बनाए रखना, अपराध और अवैध कार्यों को रोकना और न्याय को सुनिश्चित करना है।

पुलिस का इतिहास विभिन्न देशों और संस्कृतियों में अलग-अलग है। आम तौर पर, पुलिस की शुरुआत वहां हुई, जहां लोगों की संख्या और घनत्व बढ़ने लगा और राजनीतिक और सामाजिक संगठन की आवश्यकता महसूस हुई।

ऐसा माना जाता है कि पुलिस की सबसे पहली संस्था चीन में बनाई गई थी, जहां चाकू और छड़ी धारण करने वाले पुलिस अधिकारी शाही दरबार की रक्षा करते थे। फिर बाद में मिस्र, बेबिलोन, ग्रीस, रोम, इंग्लैंड और अन्य देशों में भी पुलिस की संस्था का विकास हुआ।

भारत में पुलिस का इतिहास वैदिक काल से शुरू होता है, जहां राजा के अधीन ग्रामाणी नामक अधिकारी होते थे, जो ग्राम की सुरक्षा और व्यवस्था का काम करते थे। फिर मौर्य, गुप्त, मुगल और ब्रिटिश काल में भी पुलिस की भूमिका निभाई गई।

ब्रिटिश काल में पुलिस की संरचना में बदलाव हुआ और 1861 में भारतीय पुलिस अधिनियम बनाया गया, जिसके तहत पुलिस के अधिकार और जिम्मेदारियां निर्धारित की गईं। आजादी के बाद, पुलिस को आधुनिक और व्यावहारिक बनाने के लिए कई सुधार किए गए और पुलिस को राज्यों के अनुसार विभाजित किया गया।

4 स्टार वाले पुलिस को क्या कहते हैं?

4 स्टार वाले Police को अतिरिक्त डीजीपी “Additional Director General of Police” कहते हैं। यह एक उच्च पद है, जो Police Force के वरिष्ठ अधिकारियों में से एक है।

अतिरिक्त DPG का काम होता है किसी विशेष विभाग या Zone का प्रशासन और नियंत्रण करना। उनकी वर्दी पर 4 स्टार लगे होते हैं, जो उनकी रैंक को दर्शाते हैं।

भारत में पुलिस की क्या भूमिका है ?

भारत में Police की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। Police का काम है कानून और व्यवस्था को बनाए रखना, अपराधों को रोकना और जांचना, लोगों की सुरक्षा करना, आंतरिक और बाहरी चुनौतियों से निपटना और न्याय को सुनिश्चित करना ।

पुलिस की भूमिका को बेहतर बनाने के लिए, पुलिस को अच्छी तरह से सुसज्जित, प्रशिक्षित, निष्पक्ष, जवाबदेह और पेशेवर होना चाहिए। पुलिस को लोगों के साथ सौहार्दपूर्ण और सहयोगी रहना चाहिए, और उनके अधिकारों और जिम्मेदारियों का सम्मान करना चाहिए।

पुलिस कितने प्रकार की होती है ?

पुलिस के अलग-अलग प्रकार होते हैं, जो उनके कार्य, अधिकार, वर्दी और Rank के आधार पर निर्धारित किए जाते हैं। कुछ प्रमुख पुलिस के प्रकार निम्नलिखित हैं:

नागरिक पुलिस (Civil Police)

यह पुलिस शहरों और कस्बों में कानून और व्यवस्था को बनाए रखने, अपराधों को रोकने और जांचने, लोगों की सुरक्षा करने और न्याय को सुनिश्चित करने का काम करती है।

इसमें अलग-अलग Rank के अधिकारी होते हैं, जैसे Constable, Head Constable, ASI, SI, IPS, DSP, SP, SSP, DIG, IG, ADGP और डीजीपी।

सशस्त्र पुलिस (Armed Police)

यह पुलिस राज्यों की स्वयं की सशस्त्र पुलिस बल होती है, जो आंतरिक सुरक्षा, विद्रोह, आतंकवाद, बाढ़, भूकंप आदि जैसी आपात स्थितियों में काम करती है।

इसमें भी अलग-अलग रैंक के अधिकारी होते हैं, जैसे Constable, Head Constable, Havildar, नायब सूबेदार, Major, DSP, SP, SSP, DIG, IG, एडीजीपी और डीजीपी।

केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (Central Armed Police Forces)

यह पुलिस केंद्र सरकार के अधीन होती है, जो राष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षा, सीमा नियंत्रण, रेलवे, एयरपोर्ट, वन, आग और आपदा प्रबंधन के काम करती है।

इसमें कुछ प्रमुख बल हैं, जैसे क्रप्फ (CRPF), बीएसएफ (BSF), आईटीबीपी (ITBP), सीआईएसएफ (CISF), एसएसबी (SSB), आरपीएफ (RPF), एनएसजी (NSG) और एसएफएस (SPF)।

12th के बाद पुलिस की तैय्यारी कैसे करें ?

12th के बाद पुलिस की तैय्यारी करने के लिए आपको निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना होगा –

  1. पुलिस कांस्टेबल बनने के लिए आपको किसी भी stream में 12th पास होना चाहिए और न्यूनतम 18 वर्ष की उम्र होनी चाहिए।
  2. पुलिस भर्ती परीक्षा में आपको लिखित परीक्षा, physical efficiency test, इंटरव्यू और मेडिकल टेस्ट में उत्तीर्ण होना होगा।
  3. लिखित परीक्षा में आपको सामान्य ज्ञान, सामान्य हिंदी, सामान्य अंग्रेजी, गणित, रीजनिंग और सामाजिक विज्ञान के प्रश्न पूछे जाएंगे।
  4. शारीरिक दक्षता परीक्षा में आपको दौड़, लम्बी कूद, ऊंची कूद और बॉल फेंक जैसे प्रतियोगिताओं में भाग लेना होगा।
  5. Interview में आपको आपके बारे में, आपके परिवार के बारे में, आपके शौक और रुचियों के बारे में, आपके लक्ष्य और पुलिस सेवा के बारे में प्रश्न पूछे जाएंगे।
  6. medical test में आपकी आँखों, कानों, दांतों, हड्डियों और अंगों की जांच की जाएगी।

MS Full Form In Hindi : मास्टर ऑफ़ सर्जरी क्या है ?

FAQ Of (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

प्रश्न 1. पुलिस का पूरा नाम क्या है ?

पुलिस का पूरा नाम है “Public Officer for Legal Investigations and Criminal Emergencies” इसका हिंदी में अर्थ है “कानूनी जांच और आपराधिक आपात स्थिति के लिए लोक अधिकारी” कहते है ।

प्रश्न 2. पुलिस का मुख्य कार्य क्या है ?

पुलिस का मुख्य कार्य है कानून और व्यवस्था को बनाए रखना, अपराधों को रोकना और जांचना, लोगों की सुरक्षा करना, आंतरिक और बाहरी चुनौतियों से निपटना और न्याय को सुनिश्चित करना।

प्रश्न 3. पुलिस का जनक कौन है?

भारत में पुलिस व्यवस्था का जनक “लॉर्ड कॉर्नवालिस” को माना जाता है। उन्होंने 1861 में पुलिस अधिनियम बनाया, जिसने पुलिस की संरचना, अधिकार और जिम्मेदारियों को निर्धारित किया। इस अधिनियम का मकसद पुलिस को अधिक दक्ष, निष्पक्ष और पेशेवर बनाना था।

Leave a Comment