GPS Full Form in Hindi : ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम क्या है ?

Global Positioning System जीपीएस का उपयोग तो आज हर स्मार्ट फ़ोन यूजर करते है , लेकिन GPS का सबसे ज्यादा उपयोग Google Map पर ही करते है ।

लेकिन क्या आप जानते है GPS कैसेकाम करता है ? GPS उपयोग करने के क्या फायदे होते है , आज इस Article में आपको GPS का फुल फॉर्म , जीपीएस क्या है ? जीपीएस नाविक क्या है ?

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और GPS के फायदे और नुकसान GPS के प्रकार और GPS के बारे में सम्पूर्ण जानकारी पूरी जानकारी के लिए आप इस पोस्ट तक अंत तक जरुर बनें रहे ।

GPS Full Form in Hindi

GPS Full Form In Hindi “Global Positioning System” (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) यह एक अंतरिक्ष पर आधारित navigation system है, जो पृथ्वी पर किसी भी स्थान या वस्तु की स्थिति का पता लगाने के लिए उपयोग किया जाता है।

यह satellites के नेटवर्क द्वारा Radio signal का उपयोग करता है, जो GPS रिसीवर को समय, गति और दूरी की Information प्रदान करते हैं।

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जीपीएस का अर्थ क्या होता है ?

जीपीएस का अर्थ “वैश्विक स्थिति विवरण व्यवस्था” (Global Positioning System) होता है। यह एक उपग्रह-आधारित नेविगेशन प्रणाली है, जो किसी भी चीज की Location और समय की जानकारी प्रदान करता है।

GPS Full Form In Hindi
GPS Full Form In Hindi

जीपीएस का विकास संयुक्त राज्य अमेरिका के रक्षा विभाग ने किया है, और इसमें कम से कम 24 उपग्रह शामिल हैं, जो पृथ्वी के ऊपर चक्कर लगा रहे हैं।

जीपीएस का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जा सकता है, जैसे कि नक्शा बनाना, आपदा प्रबंधन, वाहन ट्रैकिंग, समुद्री नौवहन, mobile phone के साथ एकीकरण, आदि। GPS की सहायता से आप आसानी से रास्ते Search सकते हैं और आसानी से एक स्थान से दुसरे स्थान पर पहुंच सकते हैं।

जीपीएस नाविक क्या है ?

जीपीएस नाविक भारत का स्वदेशी navigation system है, जो भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा विकसित किया गया है। इसका पूरा नाम “Navigation with Indian Constellation” (NavIC) है।

जो Indian Regional Navigation Satellite System (IRNSS) का हिस्सा है। यह भारत और उसके आस-पास के क्षेत्रों में लोकेशन और समय की जानकारी प्रदान करता है, और इसकी सटीकता 20 मीटर तक है।

जीपीएस नाविक का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जा सकता है, जैसे कि नक्शा बनाना, आपदा प्रबंधन, वाहन ट्रैकिंग, समुद्री नौवहन, मोबाइल फोन के साथ एकीकरण, आदि।

यह भारत को विदेशी navigation systems जैसे अमेरिका का जीपीएस, रूस का ग्लोनास, यूरोप का गैलीलियो, आदि पर निर्भरता से मुक्त करता है।

GPS की शुरुआत कब हुयी ?

GPS का विकास संयुक्त राज्य अमेरिका के रक्षा विभाग ने १९७३ में शुरू किया था, जब वे अपने पुराने उपग्रह navigation systems को एकीकृत करने का निर्णय लिया था ।  GPS का पहला उपग्रह, block-i, २२ फरवरी, १९७८ को प्रक्षेपित किया गया था।

GPS की पूर्ण कार्यात्मकता के लिए कम से कम २४ उपग्रहों की आवश्यकता थी, जो १९९४ में पूरी हुई।

 GPS का प्रयोग पहले सेना के लिए ही सीमित था, लेकिन १९८३ में अमेरिका के राष्ट्रपति “Ronald Reagan” ने घोषणा की कि GPS का प्रयोग नागरिकों के लिए भी उपलब्ध होगा। इससे GPS का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ने लगा, जैसे कि यातायात, पर्यटन, सुरक्षा, खेल, विज्ञान, शिक्षा, आदि।

जीपीएस की खोज किसने की थी?

जीपीएस का विकास संयुक्त राज्य अमेरिका के रक्षा विभाग ने 1960 में शुरू किया था, लेकिन इसकी सफलता 1973 में मिली थी। जीपीएस का आविष्कार करने वालों के नाम ये हैं:

डॉ. इवान गेटिंग

वह एक अमेरिकी वैज्ञानिक और इंजीनियर थे, जिन्होंने जीपीएस की बुनियादी अवधारणा का निर्माण किया था। उन्होंने उपग्रहों के सिग्नल को इस्तेमाल करके लोकेशन और समय की जानकारी प्राप्त करने का तरीका बताया था।

प्रोफेसर ब्रैडफोर्ड पार्किंसन

वह एक अमेरिकी वैज्ञानिक और शिक्षक थे, जिन्होंने जीपीएस के पहले उपग्रह का डिजाइन और विकास किया था। उन्होंने जीपीएस के लिए एक नया तरंग विधि (spread spectrum) का अनुप्रयोग किया था, जिससे Signal की ताकत और सटीकता में सुधार हुआ था।

रोजर एल. ईस्टन

वह एक अमेरिकी वैज्ञानिक और इंजीनियर थे, जिन्होंने जीपीएस के लिए एक महत्वपूर्ण योगदान किया था। उन्होंने जीपीएस के लिए एक नया समय सिंक्रोनाइजेशन विधि (time synchronization) का आविष्कार किया था, जिससे उपग्रहों और रिसीवरों के बीच समय का मिलान किया जा सकता था।

इन तीनों के अलावा, जीपीएस के विकास में कई अन्य scientists, engineers, और सैनिकों का भी योगदान रहा है। जीपीएस को एक अद्भुत और क्रांतिकारी प्रणाली माना जाता है, जिसने दुनिया को navigation के तरीके में बदल दिया है।

GPS का उपयोग कहाँ-कहाँ होता है?

GPS का उपयोग किसी भी स्थान या वस्तु की स्थिति का पता लगाने के लिए किया जाता है। GPS का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है, जैसे कि –

यातायात (transportation)

GPS का उपयोग वाहनों, जहाजों, हवाई जहाजों, रेलगाड़ियों और अन्य यातायात साधनों की स्थिति, गति, दिशा और समय का पता लगाने के लिए किया जाता है। GPS का उपयोग रास्ता ढूंढने, traffic जानकारी प्राप्त करने, आपातकालीन सेवाओं को बुलाने और चोरी हुए वाहनों को खोजने में भी किया जाता है।

पर्यटन (Tourism)

GPS का उपयोग पर्यटकों द्वारा अपने स्थान, आस-पास के आकर्षण, Hotel, Restaurant, ATM, आदि का पता लगाने के लिए किया जाता है। GPS का उपयोग Trekking, Hiking, Biking, Water Sports, आदि के लिए भी किया जाता है।

सुरक्षा (Security)

GPS का उपयोग सुरक्षा agencies द्वारा अपराधियों, आतंकवादियों, शराबी चालकों, आदि का पीछा करने और पकड़ने के लिए किया जाता है। GPS का उपयोग emergency में लोगों और वस्तुओं को बचाने के लिए भी किया जाता है।

खेल (game)

GPS का उपयोग खेलकारों द्वारा अपनी प्रदर्शन, health, fitness, आदि का मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है। GPS का उपयोग खेल के नियमों, रिकॉर्ड्स, आदि का पालन करने के लिए भी किया जाता है।

विज्ञान (Science)

GPS का उपयोग वैज्ञानिकों द्वारा पृथ्वी, अंतरिक्ष, मौसम, जलवायु, भूकंप, ज्वालामुखी, आदि का अध्ययन करने के लिए किया जाता है। GPS का उपयोग वन्यजीवों, पौधों, खनिजों, आदि का Research और संरक्षण करने के लिए भी किया जाता है।

शिक्षा (Education)

GPS का उपयोग शिक्षकों और विद्यार्थियों द्वारा भूगोल, गणित, विज्ञान, आदि को सीखने और समझने के लिए किया जाता है। GPS का उपयोग शैक्षणिक यात्राओं, Projects, आदि के लिए भी किया जाता है।

GPS कैसे काम करता है ?

ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम, जो कि एक उपग्रह-आधारित navigation प्रणाली है। GPS का काम है कि वह पृथ्वी पर किसी भी स्थान या वस्तु की स्थिति, गति और समय की जानकारी प्रदान करता है। GPS के तीन मुख्य component हैं

स्पेस सेगमेंट

इसमें पृथ्वी की परिक्रमा करने वाले 24 से अधिक उपग्रह शामिल हैं, जो radio signal को भेजते और प्राप्त करते हैं। इन उपग्रहों की स्थिति और समय को बहुत सटीक रूप से जाना जाता है।

कंट्रोल सेगमेंट

इसमें विश्व भर में स्थित कुछ monitoring और कमांड स्टेशन शामिल हैं, जो उपग्रहों की स्थिति, चाल, स्वास्थ्य और signal की निगरानी और नियंत्रण करते हैं।

यूजर सेगमेंट

इसमें वे Device शामिल हैं, जो उपग्रहों से signal को प्राप्त करते हैं और उनसे अपनी स्थिति, गति और समय की गणना करते हैं। ये डिवाइस फोन, कार, घड़ी, आदि हो सकते हैं।

GPS का काम करने का तरीका यह है कि एक user device उपग्रहों से सिग्नल को प्राप्त करता है और उनसे अपनी दूरी की गणना करता है। यह दूरी Signal के प्रेषण और प्राप्ति के बीच के समय के आधार पर निर्धारित की जाती है।

एक यूजर डिवाइस को कम से कम चार उपग्रहों से Signal की आवश्यकता होती है, ताकि वह अपनी स्थिति को त्रिकोणमितीय रूप से निर्धारित कर सके। इस प्रक्रिया को trilateration कहते हैं।

GPS  कितने प्रकार के होते है ?

GPS का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है, जैसे कि यातायात, पर्यटन, सुरक्षा, खेल, विज्ञान, शिक्षा, आदि। GPS के अलग-अलग प्रकार हैं, जो इस प्रकार हैं:

Street navigation systems

ये वे GPS डिवाइस हैं, जो वाहनों, जहाजों, हवाई जहाजों, रेलगाड़ियों और अन्य यातायात साधनों में लगाए जाते हैं। ये डिवाइस रास्ता ढूंढने, traffic information प्राप्त करने, emergency सेवाओं को बुलाने और चोरी हुए वाहनों को खोजने में मदद करते हैं।1

Sports GPS systems and watches

ये वे GPS डिवाइस हैं, जो खेलकारों और फिटनेस शौकीनों द्वारा पहने जाते हैं। ये डिवाइस खेलकारों की प्रदर्शन, health, fitness, आदि का मूल्यांकन करते हैं। ये डिवाइस ट्रैकिंग, हाइकिंग, बाइकिंग, Water Sports, आदि के लिए भी उपयोगी होते हैं

PDA based systems

ये वे GPS डिवाइस हैं, जो personal digital assistant (PDA) जैसे हाथ में पकड़ने वाले कंप्यूटर में लगाए जाते हैं। ये डिवाइस पर्यटकों को अपने स्थान, आस-पास के आकर्षण, Hotel, Restaurant, ATM, आदि का पता लगाने में Help करते हैं।

Phones with GPS

ये वे GPS डिवाइस हैं, जो स्मार्टफोन में बिल्ट-इन होते हैं। ये डिवाइस फोन के अन्य Features के साथ-साथ GPS की सुविधा भी प्रदान करते हैं। ये डिवाइस वैश्विक स्तर पर Location आधारित सेवाओं को सक्षम करते हैं।

GPS के क्या फायदे होते है ?

GPS के कई फायदे हैं, जैसे कि –

स्थान और समय की जानकारी

GPS के द्वारा आप किसी भी स्थान या वस्तु की स्थिति, गति और समय की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यह आपको रास्ता ढूंढने, ट्रैकिंग, मैपिंग, सर्वेक्षण, आदि में मदद करता है।

सुरक्षा और बचाव

GPS के द्वारा आप अपने वाहन, फोन, पालतू जानवर, आदि की सुरक्षा और निगरानी कर सकते हैं। यदि आपको कोई emergency स्थिति में हो, तो आप GPS के द्वारा अपनी Location और समय की जानकारी बचाव कर्मियों को भेज सकते हैं।

खेल और फिटनेस

GPS के द्वारा आप अपने खेल और फिटनेस की प्रदर्शन, health, fitness, आदि का मूल्यांकन कर सकते हैं। आप अपने दौड़ने, चलने, साइकिल चलाने, आदि की दूरी, समय, गति, कैलोरी, आदि को ट्रैक कर सकते हैं।

पर्यटन और शिक्षा

GPS के द्वारा आप अपने पर्यटन और शिक्षा को आकर्षक और रोचक बना सकते हैं। आप अपने आस-पास के आकर्षण, Hotel, Restaurant, ATM, आदि का पता लगा सकते हैं। आप अपने भूगोल, गणित, विज्ञान, आदि को GPS के माध्यम से सीख सकते हैं।

जीपीएस के क्या नुकसान होते है ?

GPS के कई फायदे हैं, लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हैं, जैसे कि –

डिवाइस की सुरक्षा

आपका GPS डिवाइस किसी भी अनजान व्यक्ति या संगठन के हाथ में न पड़े, जो आपकी लोकेशन और समय की जानकारी को चुरा सकते हैं।

आपको अपने डिवाइस को Password, PIN, Face Lock, Fingerprint, आदि से सुरक्षित रखना चाहिए। आपको अपने डिवाइस को नियमित रूप से अपडेट करना चाहिए, ताकि कोई भी बग या वायरस न हो।

उपग्रहों की सुरक्षा

GPS उपग्रहों को कैसे जाम, फेक, स्पूफ, या हैक किया जा सकता है।

जामिंग का मतलब है कि कोई भी उपग्रहों के Signal को रोक देता है, जिससे कि GPS डिवाइस को कोई भी जानकारी न मिल पाए।

फेकिंग का मतलब है कि कोई भी उपग्रहों के सिग्नल को बदल देता है, जिससे कि GPS डिवाइस को गलत जानकारी मिल जाए।

स्पूफिंग का मतलब है कि कोई भी उपग्रहों के सिग्नल को नकली सिग्नल से बदल देता है, जिससे कि GPS डिवाइस को अलग ही लोकेशन दिखाए।

हैकिंग का मतलब है कि कोई भी उपग्रहों के सिस्टम को तोड़कर उन्हें नियंत्रित कर लेता है, जिससे कि GPS डिवाइस को कोई भी जानकारी न मिल पाए।

उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा

GPS का उपयोग करने वाले उपयोगकर्ताओं को कैसे जासूसी, tracking, चोरी, आदि से बचाया जा सकता है। आपको अपने GPS डिवाइस को तब तक ऑन न रखना चाहिए, जब तक कि आपको इसकी जरूरत न हो।

आपको अपने GPS डिवाइस को अपने साथ ही रखना चाहिए, और किसी भी अनजान व्यक्ति को इसका उपयोग न करने देना चाहिए।

आपको अपने GPS डिवाइस के लिए कोई भी ऐसा application or software न डाउनलोड करना चाहिए, जो कि आपकी Location और समय की जानकारी को दूसरों के साथ शेयर करता हो।

गोपनीयता का उल्लंघन

जीपीएस के द्वारा आपकी स्थिति, गति और समय की जानकारी किसी भी अनधिकृत व्यक्ति या संगठन के हाथ लग सकती है। यह आपकी गोपनीयता का उल्लंघन कर सकता है और आपको नुकसान पहुंचा सकता है।

गलत जानकारी

जीपीएस के द्वारा आपको दी गई जानकारी हमेशा सही नहीं हो सकती है। जीपीएस की सटीकता उपग्रहों की स्थिति, Signal की गुणवत्ता, आवरण, आदि पर निर्भर करती है। यदि इनमें से कोई भी चीज गड़बड़ हो जाए, तो जीपीएस आपको गलत Location , गति या समय दिखा सकता है।

आवश्यकता से अधिक निर्भरता

जीपीएस के द्वारा आपको रास्ता ढूंढने, tracking, मैपिंग, आदि में सुविधा मिलती है, लेकिन इससे आपको आवश्यकता से अधिक निर्भर भी हो सकते हैं। यदि जीपीएस काम न करे, तो आप अपनी दिशा-बोध, नक्शा-पढ़ने, आदि की क्षमता खो सकते हैं।

जीपीएस भारत में कब आया

भारत में जीपीएस की पहली बार 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान जरूरत महसूस हुई थी, जब भारतीय सेना को अपनी Location और समय की जानकारी के लिए अमेरिका से अनुरोध करना पड़ा था।

लेकिन अमेरिका ने इसे देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद भारत ने अपना स्वदेशी जीपीएस नाविक का विकास शुरू किया, जो कि Indian Regional Navigation Satellite System (IRNSS) का हिस्सा है।

नाविक का विकास 2007 में घोषित किया गया था, और इसका पहला उपग्रह 2013 में प्रक्षेपित किया गया था। नाविक का पूर्ण रूप से कार्यात्मक होना 2016 में हुआ था, जब इसके 7 उपग्रह अंतरिक्ष में भेजे गए थे।

नाविक का उपयोग भारत और उसकी आस-पास के क्षेत्रों में किया जाता है, और इसकी सटीकता 20 मीटर तक है।

FAQ Of GPS (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न )

प्रश्न 1. जीपीएस का फुल फॉर्म क्या है ?

ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (Global Positioning System) यह एक अंतरिक्ष पर आधारित नेविगेशन सिस्टम है।

प्रश्न 2. जीपीएस का आविष्कार कब हुआ था?

GPS का विकास संयुक्त राज्य अमेरिका के रक्षा विभाग ने 1960 में शुरू किया था, लेकिन इसकी सफलता 1973 में मिली थी।

प्रश्न 3. जीपीएस का क्या अर्थ होता है ?

GPS जो हमें अपने आस-पास की दुनिया को बेहतर तरीके से समझने और नज़र रखने में मदद करती है।

GPS का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है, जैसे कि traffic, tourism, security, sports, science, education, आदि।

GPS की वजह से हमें अपना रास्ता ढूंढने, अपनी स्थिति जानने, अपनी गति मापने, और अन्य लोगों या वस्तुओं के साथ संपर्क बनाए रखने में आसानी होती है।

प्रश्न 4. जीपीएस की कीमत क्या है?

GPS की कीमत कई चीजों पर निर्भर करती है, जैसे कि जीपीएस का प्रकार, जीपीएस का Brand , जीपीएस की quality, जीपीएस की facilities, जीपीएस का Use, आदि।

जीपीएस की कीमत का एक अनुमान लगाया जा सकता है। आम तौर पर, जीपीएस की कीमत 1,000 रुपये से लेकर 50,000 रुपये तक हो सकती है, जो उसके प्रकार, ब्रांड, गुणवत्ता, सुविधाएं, और उपयोग पर निर्भर करती है।

प्रश्न 5. GPS सैटेलाइट कितनी ऊंचाई पर है?

सैटेलाइट Global Positioning System के उपग्रह हैं, जो पृथ्वी के चारों ओर घूमते हैं। ये उपग्रह Location और समय की Information प्रदान करते हैं।

जो किसी भी GPS रिसीवर के लिए उपयोगी होती है। यह पृथ्वी की सतह से उपग्रह की दूरी है। GPS सैटेलाइट की ऊंचाई 20,200 किलोमीटर है।

प्रश्न 6. क्या GPS सिग्नल हमेशा मौजूद होते हैं?

GPS सिग्नल हमेशा मौजूद नहीं होते हैं, और उनकी सटीकता और विश्वसनीयता में अस्थिरता हो सकती है।

इसलिए, GPS डिवाइस को हमेशा आकाश में उपग्रहों से सीधे संपर्क में रखना चाहिए, और किसी भी रूकावटों या बदलावों का ध्यान रखना चाहिए।

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