NACH Full Form In Hindi आज का युग इतना डिजिटल हो गया है, एक बार Software Data एंट्री करने के बाद वह System टाइम पर अपना काम पूरा करंता है चाहे वह Credit Payment हो या फिर Debit Payment वह एक निश्चित Date पर वर्क करता है ।
आज एक ऐसे ही Technology की बात करने वाले है जिसे NACH के नाम से जाना जाता है NACH का फुल फॉर्म, NACH क्या है?, NACH ECS से बेहतर क्यूँ है ? , NACH मैंडेट क्या होता है, NACH RTN क्या होता है ? इन सभी टॉपिक पर आज चर्चा करने वाले है ।
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NACH Full Form In Hindi
NACH Full Form In Hindi “National Automated Clearing House” है। यह एक इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट सिस्टम है, जिसका गठन National Payments Corporation of India (NPCI) ने किया है।
NACH का उपयोग बैंकों, वित्तीय संस्थाओं, कंपनियों और सरकार के लिए बल्क में पेमेंट करने के लिए किया जाता है। NACH के माध्यम से, सब्सिडी, पेंशन, सैलरी, बीमा प्रीमियम, Mutual Fund, Electricity, Water, Telephone आदि के बिल की पेमेंट होती है।
NACH का फुल फॉर्म
NACH का फुल फॉर्म “नेशनल ऑटोमेटेड क्लीयरिंग हाउस “ होता है ।
N | National | राष्ट्रीय |
A | Automated | स्वचालित |
C | Clearing | समाशोधन |
H | House | गृह |
NACH मैंडेट क्या है ?
एक ऐसा Form है, जिसे आप अपने बैंक खाते से किसी भी प्रकार के भुगतान को स्वचालित करने के लिए साइन करते हैं।
NACH मैंडेट के द्वारा, आप अपनी मर्जी के अनुसार पेमेंट की राशि, पेमेंट की तिथि, पेमेंट के प्रकार (क्रेडिट या डेबिट) और पेमेंट के प्राप्तकर्ता का नाम और पता निर्धारित कर सकते हैं।
NACH मैंडेट सक्रिय होने के बाद, प्रति महीने पेमेंट की राशि NACH सिस्टम के माध्यम से स्वत: ही प्राप्तकर्ता के खाते में Credit होती है और प्रति महीने पेमेंट की राशि NACH सिस्टम के माध्यम से स्वत: ही प्राप्तकर्ता से Debit होती है ।
जैसे – अगर आपने किसी कम्पनी या Bank से लोन लिया है जिसे पे करने के लिए एक निश्चित Date होती है और वह EMI उस तिथि पर Automatics ही Bank/Company के द्वारा काट लिया जाता है ।
NACH की शुरुआत कब हुई ?
NACH का गठन National Payments Corporation of India (NPCI) के द्वारा किया गया है, जो 2008 में स्थापित हुआ था। NACH की पहली सेवा 2012 में शुरू हुई थी, जिसे NACH Credit Payment कहते हैं।
NACH Credit Payment के माध्यम से, सरकार, कॉरपोरेट, बैंक और अन्य संस्थाएं, लाखों लोगों को सीधे उनके बैंक खातों में पेमेंट कर सकती हैं, जैसे कि सब्सिडी, पेंशन, वेतन, लाभांश, रिफंड, इत्यादि।
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NACH की दूसरी सेवा 2013 में शुरू हुई थी, जिसे NACH Debit Payment कहते हैं। NACH Debit Payment के माध्यम से, ग्राहकों को EMI, SIP, Insurance Premium, Utility Bills, Taxes, Fees, Donations, etc. का पेमेंट स्वत: ही NACH मैंडेट के माध्यम से करने की सुविधा मिलती है ।
NACH की प्रक्रिया ECS (Electronic Clearing Service) से प्रेरित है, जो 1990s में RBI (Reserve Bank of India) के द्वारा प्रारंभ हुई थी । ECS का मकसद भी NACH की ही तरह पेमेंट को सुलभ, सुरक्षित, प्रमाणिक, प्रभावी, पारदर्शी, cost-effective and environment-friendly बनाना है ।
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NACH RTN क्या होता है ?
NACH RTN का मतलब है National Automated Clearing House Return. यह एक ऐसा लेनदेन है जो NACH सिस्टम के द्वारा अस्वीकृत या असफल हो जाता है। NACH RTN के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि-
- Account खाते में पर्याप्त शेष राशी का नहीं होना
- खाता Bank Account सक्रिय नहीं होना
- मैंडेट की समयावधि समाप्त होना
- मैंडेट को रद्द करना
- मैंडेट की जानकारी में गलती होना
- बैंक की तकनीकी (Technical) समस्या होना
NACH RTN के होने पर, प्राप्तकर्ता (जिसे पैसे मिलने हैं) को NACH RTN चार्ज का भुगतान करना पड़ता है। NACH RTN चार्ज की मात्रा प्राप्तकर्ता, भुगतानकर्ता (जिससे पैसे काटे जाते हैं) और बैंक के बीच की समझौते पर निर्भर करती है।
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NACH RTN से कैसे बचे ?
- NACH मैंडेट की समयावधि, मात्रा, प्रकार, समय, संदेश पर ध्यान दें ।
- NACH मैंडेट को सही और समय-समय पर update करें।
- NACH मैंडेट को Cancel or modify करने से पहले bank or Beneficiary (प्राप्तकर्ता) से confirm करें।
- NACH मैंडेट के लिए अपने Bank Account में पर्याप्त balance रखें।
- NACH मैंडेट के लिए अपने Bank Account को Active और valid रखें।
- NACH मैंडेट के लिए अपने Bank से NACH RTN की policy, procedure, charges, and dispute resolution mechanism के बारे में जानकारी रखें ।
NACH के क्या फायदे हैं
- NACH से पेमेंट करने में मैन्युअल प्रक्रिया की जरूरत नहीं होती है।
- NACH से पेमेंट 24×7, 365 days कर सकते हैं।
- NACH से पेमेंट करने में समय और प्रयास की बचत होती है।
- NACH से पेमेंट करने में सुरक्षा और पारदर्शिता होती है।
NACH का उपयोग कैसे करें?
NACH का उपयोग करने के लिए, आपको कुछ आसान से चरणों का पालन करना होगा:
- सबसे पहले, आपको NACH मैंडेट फॉर्म को भरना होगा। इस फॉर्म में, आपको अपना नाम, पता, बैंक खाता संख्या, IFSC कोड, Payment की राशि, Payment की तिथि, पेमेंट के प्रकार (क्रेडिट या डेबिट) और Payment के प्राप्तकर्ता का नाम और पता देना होगा।
- फिर, आपको NACH मैंडेट को हस्ताक्षर करना होगा। हस्ताक्षर के साथ, आपको अपनी पहचान की प्रमाणित प्रति (PAN कार्ड, आधार कार्ड, वोटर ID, पासपोर्ट) भी संलग्न करना होगा।
- इसके बाद, आपको NACH मैंडेट को Payment के प्राप्तकर्ता (जैसे कि म्यूचुअल फंड, बीमा कंपनी, सरकारी संस्था) को सौंपना होगा।
- प्राप्तकर्ता NACH मैंडेट की सत्यापन करेगा और NPCI (National Payments Corporation of India) से NACH RTN (Registration and Transaction Number) प्राप्त करेगा।
- NPCI NACH RTN के माध्यम से NACH मैंडेट को सक्रिय करेगा।
NACH मैंडेट सक्रिय होने के बाद, प्रति महीने Payment की राशि NACH सिस्टम के माध्यम से स्वत: ही प्राप्तकर्ता के खाते में Credit होती है (NACH Credit Payment) और प्रति महीने Payment की राशि NACH सिस्टम के माध्यम से स्वत: ही प्राप्तकर्ता से Debit होती है (NACH Debit Payment)।
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NACH मैंडेट के क्या लाभ है ?
आपको पेमेंट को याद रखने, Cheque issue करने, cash withdraw करने, online transfer करने, late fee pay करने, CIBIL score affect होने, etc. से मुक्ति मिलती है। NACH मैंडेट सुरक्षित, सुगम, समय-बचत, प्रभावी, प्रमाणिक, पारदर्शी, Cost-effective, environment-friendly, etc. होता है।
NACH मैंडेट को sign करने का process offline or online हो सकता है।
- Offline process में, आपको NACH मैंडेट form fill up and sign करना होता है, और form submit करना होता है।
- Online process में, आपको e-NACH मैंडेट form fill up and sign (OTP or net banking) करना होता है, और form submit or approve करना होता है।
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NACH के Advantage
ECS से अलग होने के साथ-साथ ECS से advanced and improved version है NACH ECS से different ways में होता है जैसे –
- NACH ECS से faster and efficient process है।
- NACH ECS से more secure and transparent process है।
- NACH ECS से more scalable and flexible process है।
- NACH ECS से more user-friendly and convenient process है।
- NACH ECS से more cost-effective and environment-friendly process है।
- NACH ECS से more standardized and uniform process है।
- NACH ECS से more comprehensive and inclusive process है।
- NACH ECS से more innovative and dynamic process है।
- NACH ECS से more compliant and regulated process है।
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NACH और ECS में क्या अंतर है?
NACH और ECS दोनों ही इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट सिस्टम हैं, जिनका उद्देश्य विभिन्न प्रकार के Payment को सुलभ, सुरक्षित, प्रमाणित, प्रभावी, पारदर्शी, cost-effective and environment-friendly बनाना है।
NACH (National Automated Clearing House) ECS (Electronic Clearing Service) का advanced and improved version है, जो NPCI के initiative under RBI (Reserve Bank of India) guidance में 2012-2013 में शुरू हुआ है।
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NACH और ECS में अंतर निम्न प्रकार है जैसे –
NACH | ECS |
---|---|
NACH में registration process में 10 से 15 दिन का समय लगता है। | जबकि ECS में 30 दिन तक का समय लग सकता है। |
NACH में approval होने के chance ECS के मुकाबले कहीं ज्यादा होते हैं। | ECS में RTN (Registration and Transaction Number) के माध्यम से प्रत्येक transaction की tracking, verification and reconciliation की जा सकती है । |
NACH में multiple banks, financial institutions, corporates and government agencies को integrate करने की capacity होती है। | ECS में different types of payments such as credit or debit, fixed or variable, ad-hoc or periodic, etc. को handle करने की capability होती है । |
NACH में e-mandate facility available होती है, जिससे online registration, authentication and authorization of mandates possible होता है | ECS में 24×7, 365 days payment service available होती है |
NACH में less paperwork, less manual intervention, less errors and less delays involved होते हैं। | ECS में lower transaction charges, lower operational costs, lower maintenance costs and lower environmental impact involved होते हैं। |
NACH में common platform, common rules, common formats and common procedures followed होते हैं । | ECS में interoperability, compatibility and portability ensured होते हैं । |
NACH में all types of bank accounts such as savings, current, overdraft, cash credit, etc. eligible होते हैं। | ECS में all types of customers such as individuals, firms, companies, institutions, government, etc. covered होते हैं। |
NACH में new features, new functionalities, new services and new products introduced होते हैं। | ECS में customer feedback, market demand, regulatory compliance and technological advancement के अनुसार process improved होता है। |
NACH में RBI, NPCI, IBA, UIDAI, PFRDA, IRDAI, SEBI, etc. के Guidelines, Standards, Forms and Regulations Followed होते हैं। | NACH में customer protection, Customer grievance redressal, customer dispute resolution and customer awareness ensured होते हैं । |
निष्कर्ष
उम्मीद है NACH Full Form In Hindi इस आर्टिकल से आपको NACH पेमेंट प्रणाली की बारे में पूर्ण जानकारी हो गयी होगी । और आपके इस Post को लेकर अगर कोई सवाल हो तो आप मुझे Comment में शेयर कर सकते है ।
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FAQ of NACH
प्रश्न 1. NACH का पूरा नाम क्या है ?
NACH का पूरा नाम “National Automated Clearing House ” जिसे हिंदी में “राष्ट्रीय स्वचालित समाशोधन गृह “ होता है ।
प्रश्न 2. NACH का मतलब क्या होता है?
NACH Full Form In Hindi “National Automated Clearing House” है। यह एक इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट सिस्टम है।
NACH का उपयोग बैंकों, वित्तीय संस्थाओं, कंपनियों और सरकार के लिए बल्क में पेमेंट करने के लिए किया जाता है।
प्रश्न 3. NACH की शुरुआत कब हुई ?
NACH का गठन National Payments Corporation of India (NPCI) के द्वारा किया गया है, जो 2008 में स्थापित हुआ था। NACH की पहली सेवा 2012 में शुरू हुई थी, जिसे NACH Credit Payment कहते हैं।
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Laxmi Shankar इस Blog के फाउंडर और लेखक है जो इस ब्लॉग पर Education, Technology, Financial , Internet और सामान्य फुल फॉर्म के बारे में लेख प्रकाशित करते है । अगर इन विषयों से सम्बंधित कोई जानकारी चाहिए तो आप जरुर पूछ सकते है ।