भारत में हाल ही में एक कानून लागूं हुआ है “नागरिकता संसोधन अधिनियम 202४” इस Post में आपको CAA full form in Hindi, CAA क्या होता है ? CAA के उद्देश्य और इसके नियम क्या है ? इसके बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे ।
सीएए आज बहुत चर्चा में है क्युकी कुछ Political Parties तो इसका समर्थन करते है , लेकिन कुछ Political Parties भी इसका विरोध कर रही है । चलिए जानते है सीएए act के आने से देश में किस-किस समुदाय के लोगो को फायदा होगा ।
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CAA Full Form in Hindi
सीएए का पूरा नाम “Citizenship Amendment Act” है। यह भारतीय संसद द्वारा 2019 में पारित एक कानून है, जिसने Citizenship Act, 1955 में संशोधन किया और अफगानिस्तान, बांग्लादेश, और पाकिस्तान से आए प्रताड़ित धार्मिक minorities को भारतीय नागरिकता प्रदान करने का मार्ग प्रशस्त किया1। इसमें हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई communities के लोग शामिल हैं ।
नागरिकता संशोधन अधिनियम 2024 क्या है?
नागरिकता संशोधन अधिनियम 2024, जिसे सीएए के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 में एक संशोधन है।
इस संशोधन के अनुसार, पाकिस्तान, बांग्लादेश, और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी, और ईसाई समुदायों के लोगों को धार्मिक उत्पीड़न के कारण भारत में शरण लेने पर नागरिकता प्रदान की जा सकती है।
इस कानून के तहत, इन समुदायों के व्यक्तियों को भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए पहले आवश्यक 11 वर्षों की जगह अब केवल 6 वर्षों तक भारत में रहना होगा। इस संशोधन को लागू करने के लिए 11 मार्च 2024 को notification जारी की गई थी।
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CAA का उद्देश्य क्या है?
सीएए , यानी Citizenship Amendment Act का मुख्य उद्देश्य अफगानिस्तान, पाकिस्तान, और बांग्लादेश से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई जैसे धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता प्रदान करना है।
इस कानून के अनुसार, यदि ये व्यक्ति 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में प्रवेश कर चुके हैं और उन्होंने पिछले 12 महीनों से लगातार और पिछले 14 सालों में से 11 साल भारत में निवास किया है, तो उन्हें नागरिकता दी जा सकती है।
इस कानून का उद्देश्य उन व्यक्तियों की रक्षा करना है जो धार्मिक उत्पीड़न के कारण भारत में शरण लेने वाले हैं और उन्हें illegal migration की कार्रवाई से एक ढाल प्रदान करना है।
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CAA के खिलाफ प्रदर्शन क्यों हुए?
Citizenship Amendment Act के खिलाफ प्रदर्शन मुख्य रूप से इस बात को लेकर हुए कि इस कानून के तहत केवल गैर-मुस्लिम minorities को नागरिकता देने का प्रावधान है, जिसे कुछ लोगों ने भेदभावपूर्ण माना।
विशेष रूप से, पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में चिंता थी कि इस कानून के लागू होने से उनके क्षेत्रों में अप्रवासियों की बढ़ोतरी होगी, जिससे उनकी जनसांख्यिकी, भाषाई और सांस्कृतिक संरचना पर प्रभाव पड़ सकता है।
इसके अलावा, सीएए को National Register of Citizens (NRC) से जोड़कर भी देखा गया, जिससे यह डर था कि यह कानून नागरिकता के certification के लिए अनिवार्य NRC प्रक्रिया के साथ मिलकर मुस्लिम समुदाय के लिए अन्यायपूर्ण हो सकता है। इन्हीं कारणों से देशभर में विभिन्न समुदायों और organizations ने सीएए के खिलाफ व्यापक प्रदर्शन किए।
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NRC से CAA का क्या सम्बन्ध है?
NRC और CAA दोनों भारतीय नागरिकता से संबंधित हैं, लेकिन दोनों के उद्देश्य और प्रक्रियाएं अलग हैं।
Citizenship Amendment Act
यह एक संशोधन है जो विशेष रूप से तीन पड़ोसी देशों – पाकिस्तान, अफगानिस्तान, और बांग्लादेश से आए गैर-मुस्लिम minorities को भारतीय नागरिकता प्रदान करने का मार्ग प्रशस्त करता है।
National Register of Citizens
National Register of Citizens, एक रजिस्टर है जिसमें भारतीय नागरिकों के नाम शामिल होते हैं। इसका उद्देश्य अवैध प्रवासियों की पहचान करना है। अब तक, यह केवल असम राज्य में लागू किया गया है।
कुछ लोगों का मानना है कि सीएए और NRC एक साथ लागू होने पर विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय के लिए अन्यायपूर्ण हो सकते हैं, क्योंकि सीएए केवल गैर-मुस्लिमों को नागरिकता देने का प्रावधान करता है।
जबकि NRC सभी नागरिकों से उनकी नागरिकता साबित करने के लिए कहता है। हालांकि, भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि सीएए और NRC एक दूसरे से संबंधित नहीं हैं।
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क्या भारत में CAA लागू हो गया है?
हां, भारत में Citizenship Amendment Act (सीएए ) लागू हो चुका है। Govt. ने सीएए को पारित होने के पांच साल बाद, 11 मार्च 2024 को लागू किया।
इस कानून के तहत, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, जैन, पारसी, बौद्ध, और ईसाई communities के लोगों को धार्मिक उत्पीड़न के कारण भारत में शरण लेने पर नागरिकता प्रदान की जा सकती है, बशर्ते वे 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में प्रवेश कर चुके हों।
इसके लागू होने के बाद, विभिन्न Political parties और समूहों ने इस कानून की आलोचना और समर्थन किया है। इस कानून के लागू होने के बाद भी, इसके विरोध में और समर्थन में विभिन्न reactions सामने आई हैं।
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भारत में सीएए के नियम क्या हैं?
भारत में Citizenship Amendment Act (सीएए ) के नियम निम्नलिखित हैं –
पात्रता (Eligibility)
सीएए के तहत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी, और ईसाई समुदायों के लोग जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में प्रवेश कर चुके हैं और धार्मिक उत्पीड़न का सामना कर रहे थे, वे भारतीय नागरिकता के लिए Eligible हैं ।
आवेदन प्रक्रिया (Application Process)
नागरिकता के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया ऑनलाइन की जा रही है, जिसमें आवेदन, प्रक्रिया, और नागरिकता प्रदान करने की सुविधा शामिल है ।
निवास की आवश्यकता (Residence requirement)
सीएए के तहत, नागरिकता के लिए निवास की आवश्यकता को 11 वर्षों से घटाकर 5 वर्ष कर दिया गया है ।
छूट (Relaxation)
सीएए के नियमों के अनुसार, आवेदकों को केवल अपने मूल देश, धर्म, भारत में प्रवेश की तारीख, और एक भारतीय भाषा का ज्ञान साबित करना होगा ।
ये नियम भारतीय नागरिकता के ढांचे में एक महत्वपूर्ण विकास को दर्शाते हैं और इन्हें हाल ही में notified किया गया है ।
भारत में सीएए की शुरुआत किसने की ?
भारत में Citizenship Amendment Act (सीएए ) की शुरुआत भारतीय संसद ने की थी। इसे 11 दिसंबर 2019 को संसद में पारित किया गया था, जिसमें 125 Vote इसके पक्ष में और 105 Vote इसके विरोध में डाले गए थे।
इस विधेयक को 12 दिसंबर 2019 को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दी थी। इस कानून के जरिए पाकिस्तान, अफगानिस्तान, और बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न के कारण भारत आए शरणार्थियों को नागरिकता दी जाएगी।
इस Act को लागू करने का प्रस्ताव सबसे पहले 2016 में पेश किया गया था और इसे गृह मंत्री अमित शाह ने 9 दिसंबर, 2019 को 17वीं लोकसभा में फिर से पेश किया था। इसके बाद राज्यसभा ने भी 11 दिसंबर, 2019 को इसे पास किया।
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सीएए की जरूरत क्यों है?
सीएए, यानी Citizenship Amendment Act की जरूरत के पीछे कई कारण हैं, जिनमें से मुख्य हैं:
मानवीय आधार
यह Act पाकिस्तान, बांग्लादेश, और अफगानिस्तान से आए उन minorities को भारतीय नागरिकता प्रदान करने का मार्ग प्रशस्त करता है जो religious persecution का शिकार हुए हैं ।
नागरिकता की प्रक्रिया को सरल बनाना
इस कानून के जरिए उन लोगों के लिए नागरिकता प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है जो विशेष रूप से Harassment के कारण भारत आए हैं ।
नागरिकता के लिए निवास की अवधि को कम करना
पहले जहां नागरिकता के लिए 11 वर्षों का निवास आवश्यक था, वहीं अब इसे घटाकर 5 वर्ष कर दिया गया है ।
विशिष्ट समुदायों के लिए प्रावधान
इस कानून के तहत हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी, और ईसाई communities के लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है ।
इन कारणों के अलावा, सीएए को लेकर विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक विचारधाराओं में विविधता के कारण विभिन्न राय और विरोध भी देखने को मिले हैं। इस कानून के लागू होने से जुड़े विवादों और चर्चाओं के कारण इसे लेकर समाज में व्यापक बहस भी हुई है ।
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असम में सीएए का विरोध क्यों है?
असम में Citizenship Amendment Act (सीएए ) का विरोध मुख्यतः इसलिए है क्योंकि यहाँ के निवासी मानते हैं कि यह Act 1985 के असम समझौते का उल्लंघन करता है। असम समझौते के अनुसार, 25 दिसंबर 1971 से पहले आए illegal immigrants को वापस उनके देश भेजा जाना था।
इस समझौते का उद्देश्य असम की सांस्कृतिक पहचान और जनसांख्यिकी संरचना की रक्षा करना था। लेकिन CAA के तहत, कुछ विशेष धार्मिक समुदायों के लोगों को नागरिकता देने की बात कही गई है, जिससे असम के लोगों को डर है कि इससे उनके संसाधनों पर दबाव बढ़ेगा और उनकी सांस्कृतिक पहचान पर असर पड़ेगा ।
इसके अलावा, असम में लंबे समय से चली आ रही कच्ची भावना को भी इस Act ने छू लिया है, जिसके कारण opposition parties और क्षेत्रीय संगठनों ने शांतिपूर्ण सामूहिक विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है।
असम के लोगों का मानना है कि सीएए उनके राज्य की Demography और cultural संरचना को बदल देगा, जिससे उनकी पहचान और संसाधनों पर खतरा उत्पन्न हो सकता है। इसी कारण से असम में CAA का विरोध जारी है।
FAQ OF CAA (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न )
प्रश्न 1. CAA का पूरा नाम क्या है ?
CAA का पूरा नाम “Citizenship Amendment Act” हिंदी में “नागरिकता संशोधन कानून” भारत सरकार द्वारा पारित एक अधिनियम है
प्रश्न २. CAA कानून का मतलब क्या है?
CAA कानून, यानी Citizenship Amendment Act, भारत सरकार द्वारा पारित एक अधिनियम है जिसका उद्देश्य निश्चित minority communities के लिए नागरिकता प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल बनाना है।
इस Act के अनुसार, पाकिस्तान, बांग्लादेश, और अफगानिस्तान से आए हुए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी, और ईसाई धर्म के लोगों को, जो दिसंबर 2014 से पहले भारत आए थे और धार्मिक उत्पीड़न का शिकार हुए थे, भारतीय नागरिकता दी जाएगी।
प्रश्न ३. भारत में सीएए कब पारित हुआ?
भारत में Citizenship Amendment Act (CAA) 11 दिसंबर 2019 को पारित हुआ था। इसे अगले दिन, 12 दिसंबर 2019 को राष्ट्रपति द्वारा मंजूरी दी गई और यह 10 जनवरी 2020 से प्रभावी हो गया ।
प्रश्न ४. क्या भारत में CAA लागू हो गया है?
हां, भारत में Citizenship Amendment Act (CAA) लागू हो चुका है। सरकार ने CAA को पारित होने के पांच साल बाद, 11 मार्च 2024 को लागू किया।
Laxmi Shankar इस Blog के फाउंडर और लेखक है जो इस ब्लॉग पर Education, Technology, Financial , Internet और सामान्य फुल फॉर्म के बारे में लेख प्रकाशित करते है । अगर इन विषयों से सम्बंधित कोई जानकारी चाहिए तो आप जरुर पूछ सकते है ।
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