TDS Full Form (Tax Deducted at Source) भारतीय कर व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका उद्देश्य Tax Collection को सुनिश्चित करना और लोगों को समय पर tax payment के प्रति जागरूक करना है।
TDS का मुख्य सिद्धांत यह है कि जिस Source से व्यक्ति को income प्राप्त हो रही है, उसी समय उस पर Tex कटौती की जाए। उदाहरण के लिए, Salary, Interest, Commission, Rent, और अन्य कई प्रकार की आय पर TDS काटा जा सकता है।
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TDS से सबसे अधिक प्रभावित लोग वे होते हैं जो किसी Source से नियमित आय प्राप्त करते हैं, जैसे कि वेतनभोगी कर्मचारी उनके वेतन से employer द्वारा हर महीने TDS काटा जाता है, और वे इसका वार्षिक Income Tax Returns में करते हैं। अगर TDS अधिक कट गया हो तो Returns में रिफंड प्राप्त हो सकता है।
TDS Full Form In Hindi
TDS का फुल फॉर्म है “Tax Deducted at Source” हिंदी में “स्रोत पर कर कटौती” कहते है । यह एक System है जिसमें आपकी आय का एक निश्चित हिस्सा Tax के रूप में Income पर ही काट लिया जाता है, जैसे वेतन, किराया, कमीशन इत्यादि से।
T | Tax |
D | Deducted at |
S | Source |
TDS क्या होता है ?
TDS एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें किसी व्यक्ति या संगठन की Income का कुछ हिस्सा Tax के रूप में पहले ही काट लिया जाता है, ताकि बाद में उन्हें Tax चुकाने की जिम्मेदारी कम हो। इसे सरल शब्दों में इस तरह समझा जा सकता है
जब कोई व्यक्ति या Company किसी अन्य व्यक्ति को सैलरी का भुगतान करती है, जैसे वेतन, किराया, ब्याज, कमीशन, या अन्य सेवाओं के बदले में पैसा देती है, तो वह भुगतान करने वाला (कंपनी या व्यक्ति) सरकार की ओर से उस पैसे में से एक हिस्सा पहले ही काट लेता है। यह कटा हुआ पैसा Govt के पास जमा कर दिया जाता है। इसे ही TDS कहा जाता है।
उदाहरण के तौर पर, अगर किसी कर्मचारी का मासिक वेतन ₹50,000 है और TDS दर 10% है, तो उसके वेतन में से ₹5,000 पहले ही Tax के रूप में काट लिया जाएगा और कर्मचारी को ₹45,000 मिलेंगे। यह ₹5,000 सरकार को Tax के रूप में जमा कर दिया जाएगा।
TDS का मुख्य उद्देश्य यह है कि लोगों को नियमित रूप से Tax चुकाना पड़े और सरकार को भी Tax प्राप्ति में आसानी हो। यह उन व्यक्तियों के लिए भी फायदेमंद है जो अपनी आय से कर चुकाने में असमर्थ होते हैं या भूल जाते हैं, क्योंकि TDS पहले ही काट लिया जाता है। इसके अलावा, यह सरकार के लिए एक सुरक्षित और नियमित Tax collection system होती है।
जब वित्तीय वर्ष समाप्त होता है, तो जो करदाता हैं, वे अपनी आय और TDS का मिलान करके Income Tax Returns (ITR) भरते हैं। अगर TDS के रूप में ज्यादा Tax काटा गया है, तो सरकार Refunds देती है, और अगर कम Tax कटा है, तो शेष कर जमा करना पड़ता है।
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TDS की दरें क्या हैं?
TDS (स्रोत पर कर कटौती) की दरें विभिन्न प्रकार की आय और भुगतान के लिए अलग-अलग होती हैं। इन दरों को भारत सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है और वे समय-समय पर बदल सकती हैं। यहाँ कुछ प्रमुख प्रकार की आय के लिए TDS की सामान्य दरें दी गई हैं:
वेतन (Salary)
अगर वेतन Tax योग्य सीमा से ऊपर है, तो employer वेतन पर लागू Slabs के अनुसार TDS काटता है। यह दर आयकर Slabs के अनुसार होती है:
- 0 से ₹2,50,000 तक 0%
- ₹2,50,001 से ₹5,00,000 तक- 5%
- ₹5,00,001 से ₹10,00,000 तक- 20%
- ₹10,00,001 से ऊपर- 30%
- ब्याज (Interest on Fixed Deposit/ Savings Account)– बैंक Fixed Deposit या बचत खाते पर मिलने वाले ब्याज पर TDS की दर 10% है, अगर कुल ब्याज ₹40,000 (Senior Citizens के लिए ₹50,000) से अधिक हो।
- किराया (Rent)– संपत्ति के किराए पर TDS की दर 10% (real estate) और 2% (Machinery and equipment) होती है, अगर किराया ₹2,40,000 से अधिक हो।
- पेशेवर सेवाएं (Professional Services)– पेशेवर सेवाओं जैसे वकील, डॉक्टर, आर्किटेक्ट, और कंसल्टेंट्स को भुगतान पर TDS की दर 10% है, अगर भुगतान ₹30,000 से अधिक है।
- ठेकेदारों और उप-ठेकेदारों के लिए (Contractors/Sub-contractors)- ठेकेदारों और उप-ठेकेदारों को किए गए भुगतान पर TDS की दर 1% (व्यक्तियों/हिंदू अविभाजित परिवार) और 2% (अन्य) होती है।
- कमीशन या ब्रोकरेज (Commission or Brokerage) – कमीशन या ब्रोकरेज पर TDS की दर 5% है, अगर भुगतान ₹15,000 से अधिक है।
- लॉटरी, क्रॉसवर्ड, और गेमिंग पुरस्कार (Lottery, Crossword, Gaming)- Lotteries, Crosswords, and Gaming पुरस्कारों पर TDS की दर 30% है, अगर पुरस्कार राशि ₹10,000 से अधिक हो।
- लाभांश (Dividends)- अगर कंपनी शेयरधारक को लाभांश (dividend) का भुगतान करती है और वह ₹5,000 से अधिक है, तो TDS की दर 10% है।
- बीमा आयोग (Insurance Commission)– Insurance Agents को दिए गए कमीशन पर TDS की दर 5% है, अगर भुगतान ₹15,000 से अधिक है।
- गैर-निवासी (Non-resident Payments)– गैर-निवासियों को किए गए विभिन्न भुगतान पर TDS की दरें 20% या उससे अधिक हो सकती हैं, जो Income के प्रकार पर निर्भर करती हैं।
यह ध्यान रखना आवश्यक है कि अगर व्यक्ति का PAN उपलब्ध नहीं होता है, तो TDS की दरें सामान्य दर से 20% अधिक हो सकती हैं।
करदाता और प्राप्तकर्ता में किसे TDS भुगतनी होती है?
TDS (Tax Deducted at Source) का भुगतान Taxpayers द्वारा किया जाता है। Taxpayers वह व्यक्ति या संस्था होती है जो किसी प्रकार का Payment करती है, जैसे वेतन, किराया, कमीशन, ब्याज आदि।
TDS का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कर का एक हिस्सा Source पर ही काट लिया जाए और सरकार को जमा कर दिया जाए, ताकि Taxpayers द्वारा पूरे साल के अंत में कर के बड़े भुगतान की आवश्यकता न हो।
इस प्रकार, TDS काटकर Taxpayers (जो भुगतान कर रहा है) उसे सीधे सरकार के पास जमा कराता है, और शेष राशि प्राप्तकर्ता को दी जाती है।
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क्या TDS में समय-समय पर बदलाव होते हैं ?
हाँ, TDS (Tax Deducted at Source) में समय-समय पर बदलाव होते हैं। ये बदलाव भारत सरकार द्वारा financial policies, budget announcements, और Tax कानूनों के अनुसार किए जाते हैं। TDS की दरें, कटौती की सीमाएं, और छूटें बदल सकती हैं। बदलाव कई कारणों से किए जाते हैं, जैसे-
1. आर्थिक स्थिति के अनुसार- Govt की जरूरतों और Economic policies के अनुसार TDS की दरों में बदलाव किया जा सकता है।
2. वित्तीय बजट-हर साल भारत सरकार के बजट में TDS से संबंधित दरों और नियमों में बदलाव किए जा सकते हैं।
3. विशेष छूट- कुछ खास प्रकार के लेनदेन, payment , या आय पर TDS में छूट या संशोधन भी किया जा सकता है।
4. कानूनी और regulators सुधार- आयकर अधिनियम (Income Tax Act) में संशोधन या नई धारा जोड़ी जा सकती है, जो TDS की प्रक्रिया या दरों को प्रभावित करती है।
इसलिए, TDS के बारे में नवीनतम जानकारी रखना महत्वपूर्ण है, ताकि Taxpayers और प्राप्तकर्ता दोनों ही सही दरों और नियमों का पालन कर सकें।
TDS को कैसे फाइल किया जाता है?
TDS (Tax Deducted at Source) को फाइल करने की प्रक्रिया में निम्नलिखित चरण शामिल होते हैं:
TAN (Tax Deduction and Collection Account Number) प्राप्त करें
TDS फाइल करने के लिए आपके पास TAN होना आवश्यक है। TAN एक Unique Identification Number है जो सरकार द्वारा जारी की जाती है। इसे प्राप्त करने के लिए आप Income Tax Department की Website पर जाकर TAN के लिए Apply कर सकते हैं।
TDS की गणना करें
भुगतान की जाने वाली राशि और लागू TDS दर के आधार पर TDS की गणना करें। आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि सही दर पर TDS काटा गया है।
उदाहरण के लिए, यदि आप किसी को Salary or commission का भुगतान कर रहे हैं, तो उस पर लागू दरों के अनुसार TDS काटना होगा।
TDS काटें
निर्धारित TDS की राशि को भुगतान करते समय काट लें। यह Payers की जिम्मेदारी होती है कि वह Source पर TDS काटे और सरकार को जमा करे।
TDS जमा करें
काटे गए TDS को Govt के पास जमा करना होता है। यह जमा Online या Authorized Banks के माध्यम से किया जा सकता है। TDS जमा करने की समय सीमा every month की 7 तारीख होती है।
आप इसे निम्नलिखित तरीके से जमा कर सकते हैं
- ऑनलाइन- NSDL की Website के माध्यम से e-payment विकल्प चुनें।
- चालान 281 का उपयोग करें- यह TDS जमा करने के लिए उपयोग किया जाने वाला Form है।
TDS रिटर्न फाइल करें
- TDS रिटर्न त्रैमासिक (Quarterly) फाइल करना होता है।
- यह File करने के लिए फॉर्म 24Q (salary से संबंधित) और Form 26Q (अन्य Payment से संबंधित) का उपयोग किया जाता है।
- Return में काटे गए TDS की पूरी जानकारी दी जाती है, जिसमें प्राप्तकर्ता का PAN, TDS की कटौती, और जमा की गई TDS राशि शामिल होती है।
- रिटर्न TIN-NSDL की वेबसाइट या TDS Filing Software के माध्यम से फाइल किया जा सकता है।
TDS प्रमाणपत्र जारी करें (Form 16/16A)
- TDS कटौती के बाद, आपको प्राप्तकर्ताओं को certificate (Form 16 या 16A) जारी करना होता है, जो उनके लिए यह प्रमाण होगा कि TDS काटा गया है।
- Form 16 वेतन से TDS के लिए और Form 16A अन्य Income Source से TDS के लिए होता है।
TDS रिटर्न की पुष्टि (Acknowledgement)
TDS रिटर्न फाइल करने के बाद, आपको एक Recip प्राप्त होगी। यह रसीद TDS फाइलिंग की Confirmation करती है।
यह सुनिश्चित करें कि TDS रिटर्न सही समय पर और सही तरीके से फाइल किया जाए, ताकि किसी प्रकार की Penalty से बचा जा सके।
टीडीएस कैसे चेक करें
TDS (Tax Deducted at Source) को चेक करने के कई तरीके हैं, जिनसे आप यह जान सकते हैं कि आपके आय पर कितनी TDS कटी है। नीचे दिए गए चरणों के माध्यम से आप आसानी से टीडीएस चेक कर सकते हैं:
फॉर्म 26AS के माध्यम से TDS चेक करना
फॉर्म 26AS एक tax credit statement होता है, जिसमें आपकी कुल आय और उस पर कटे गए TDS की जानकारी होती है। इसे चेक करने के लिए नीचे दिए गए Steps का पालन करें-
- आयकर विभाग की ई-फाइलिंग वेबसाइट- https://www.incometax.gov.in पर जाएं।
- अपने PAN card और पासवर्ड से लॉग इन करें। (अगर आपने पहले से Account नहीं बनाया है, तो पहले registration करें।
- लॉग इन के बाद View Form 26AS (Tax Credit) का विकल्प चुनें।
- आपको TRACES पोर्टल पर Redirects किया जाएगा। वहाँ पर View Tax Credit (Form 26AS) चुनें।
- फॉर्म 26AS का assessment year चुनें और PDF में फॉर्म डाउनलोड करें।
- PDF फाइल को खोलने के लिए आपका Password आपकी जन्मतिथि (DDMMYYYY) के फॉर्मेट में होगी।
बैंक स्टेटमेंट या वेतन स्लिप के माध्यम से
अगर आप Bank Interest या वेतन पर टीडीएस चेक करना चाहते हैं, तो आपकी Bank statement या Salary Slip में यह जानकारी उपलब्ध हो सकती है। कई संस्थान हर महीने Salary से कटने वाले टीडीएस की जानकारी देते हैं।
TRACES पोर्टल से चेक करना
TRACES (TDS Reconciliation Analysis and Correction Enabling System) पोर्टल पर जाकर भी आप TDS के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
SMS/Email अलर्ट्स
अगर आपने अपनी बैंक और अन्य Financial Institutions में पैन कार्ड की जानकारी दी है, तो आपको TDS कटने पर SMS या Email Alerts भी प्राप्त होते हैं।
बैंक से टीडीएस रिफंड का दावा कैसे करें?
बैंक से TDS (Tax Deducted at Source) रिफंड का दावा करने की प्रक्रिया सरल है। यदि आपके बैंक द्वारा काटा गया TDS आपकी कुल कर देनदारी से अधिक है या आपकी आय tax-free सीमा के भीतर आती है, तो आप आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करते समय TDS रिफंड का दावा कर सकते हैं।
फॉर्म 26AS डाउनलोड करें
फॉर्म 26AS में आपके द्वारा earned income और उस पर कटे गए TDS की जानकारी होती है। इसे डाउनलोड करने के लिए
- आयकर विभाग की ई-फाइलिंग वेबसाइट https://www.incometax.gov.in) पर जाएं।
- अपना पैन नंबर और पासवर्ड से लॉग इन करें।
- “View Form 26AS (Tax Credit) Option चुनें और फॉर्म 26AS डाउनलोड करें।
- इसे जांचें और यह सुनिश्चित करें कि Bank द्वारा काटा गया TDS सही तरीके से दर्ज है।
आयकर रिटर्न (ITR) भरें
यदि आपकी कुल आय tax-free सीमा के भीतर आती है और TDS कट गया है, तो आपको Income Tax Return Filing करना होगा। ITR फॉर्म में अपनी आय, TDS कटौती, और रिफंड का दावा सही तरीके से भरें। यह ध्यान रखें कि आपको ITR फॉर्म में टीडीएस की जानकारी सही से भरनी होगी।
रिटर्न फाइल करते समय टीडीएस विवरण दर्ज करें
जब आप Income Tax Returns भर रहे हों, तो आपको “TDS Details” सेक्शन में Bank द्वारा काटे गए टीडीएस की जानकारी सही-सही दर्ज करनी होगी। यदि आपकी कुल tax liability शून्य है या कम है और बैंक द्वारा अधिक TDS काटा गया है, तो आप उसी फॉर्म में Refunds का दावा कर सकते हैं।
रिटर्न फाइल करने के बाद उसे ई-वेरिफाई करें
Returns filed करने के बाद आपको इसे E-Verify करना होता है। यह आप आधार OTP, नेट बैंकिंग, या अन्य विकल्पों के जरिए कर सकते हैं। यदि आप E-Verify नहीं कर सकते, तो आपको ITR-V को signed करके बेंगलुरु के CPC कार्यालय में भेजना होगा।
रिफंड प्राप्ति की प्रक्रिया
Returns Processing के बाद, अगर आपका Returns बनता है तो आयकर विभाग आपके बैंक खाते में सीधे Returns जमा कर देता है। इसके लिए आपके बैंक खाते की KYC और PAN जानकारी सही होनी चाहिए।
रिफंड की स्थिति आप ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉग इन करके या TIN-NSDL वेबसाइट]https://tin.tin.nsdl.com/oltas/refund-status-pan.html पर चेक कर सकते हैं।
रिफंड न मिलने पर कार्रवाई
यदि आपने सही तरीके से Return File किया है और फिर भी रिफंड प्राप्त नहीं हुआ है, तो आप [आयकर विभाग की हेल्पलाइन](https://www.incometax.gov.in) से संपर्क कर सकते हैं या शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
टीडीएस के नए रूल 2024-25 क्या है ?
2024 में टीडीएस (TDS) के नियमों में कई बदलाव किए गए हैं, जो अक्टूबर 2024 से लागू होंगे। ये नए नियम टीडीएस की दरों और इसके compliance से संबंधित हैं। यहां प्रमुख बदलाव दिए गए है
1. रेन्ट पर टीडीएस (Section 194IB)- रेंट पर टीडीएस की दर 5% से घटाकर 2% कर दी गई है। यह उन व्यक्तियों या HUF पर लागू होता है जो प्रति माह ₹50,000 से अधिक किराया देते हैं।
2. ई-कॉमर्स ट्रांजेक्शन (Section 194O)-E-commerce platforms के माध्यम से होने वाले लेनदेन पर टीडीएस की दर 1% से घटाकर 0.1% कर दी गई है। इससे छोटे Vendors और व्यापारियों को राहत मिलेगी।
3. कमीशन और ब्रोकरेज पर टीडीएस (Section 194H)- कमीशन या Brokerage पर टीडीएस की दर 5% से घटाकर 2% कर दी गई है, जो वित्तीय लेनदेन को सरल बनाएगी।
4. बीमा कमीशन (Section 194DA)- जीवन बीमा पॉलिसी पर मिलने वाली राशि पर टीडीएस की दर 5% से घटाकर 2% कर दी गई है, जो अक्टूबर 2024 से लागू होगी।
5. पार्टनर को भुगतान (Section 194T)- पार्टनरशिप फर्मों द्वारा Partners को वेतन, कमीशन, या बोनस के भुगतान पर ₹20,000 से अधिक की राशि पर 10% टीडीएस लगेगा। यह नियम अप्रैल 2025 से लागू होगा।
6. म्यूचुअल फंड यूनिट्स पर टीडीएस- Mutual Funds या UTI द्वारा यूनिट्स की पुनर्खरीद पर 20% टीडीएस का नियम हटाया जा रहा है, जो अक्टूबर 2024 से प्रभावी होगा।
ये बदलाव tax complianceको सरल और transparent बनाने के लिए किए गए हैं, और छोटे Merchants व व्यक्तियों को विशेष रूप से लाभ होगा।
मैं टीडीएस कैसे बचा सकता हूँ?
TDS (Tax Deducted at Source) से बचने के कुछ कानूनी तरीके हैं, जिनके माध्यम से आप अपनी कर देनदारी को कम कर सकते हैं या TDS कटौती से बच सकते हैं। निम्नलिखित कुछ प्रमुख तरीके हैं जिनसे आप TDS बचा सकते हैं:
फॉर्म 15G/15H जमा करें
यदि आपकी आय tax-free सीमा से कम है, तो आप बैंक या अन्य Financial Institutions में फॉर्म 15G (Non-Senior Citizen) और फॉर्म 15H (Senior Citizens के लिए) जमा कर सकते हैं। इससे बैंक आपकी आय पर टीडीएस नहीं काटेगा।
उदाहरण – बैंक FD पर ब्याज, अगर आपकी कुल Income Taxable नहीं है, तो यह फॉर्म जमा करके आप टीडीएस कटने से बच सकते हैं।
धारा 80C के तहत कटौती
आप धारा 80C के तहत अपनी tax income को कम कर सकते हैं। इसमें निवेश योजनाएं जैसे PPF (Public Provident Fund), एलआईसी (Life Insurance), एनएससी (National Savings Certificate), और अन्य कर बचत योजनाएं शामिल हैं। इससे आपकी कर देनदारी घटती है और टीडीएस की कटौती कम हो जाती है।
होम लोन पर कर छूट
अगर आपने Home Loan लिया है, तो आप होम लोन के ब्याज पर धारा 24 के तहत Tax छूट का लाभ ले सकते हैं। इसके अलावा, Home Loan के मूलधन पर धारा 80C के तहत भी छूट मिलती है। इससे आपकी कुल taxable आय कम होती है और टीडीएस भी कम हो सकता है।
स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर छूट
धारा 80D के तहत आप स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर Tax पर छूट का लाभ ले सकते हैं। इससे आपकी कर योग्य आय कम होगी, जिससे टीडीएस कटने की संभावना भी कम हो जाती है।
एनपीएस (National Pension System) में निवेश
धारा 80CCD के तहत NPS में निवेश पर भी अतिरिक्त छूट प्राप्त की जा सकती है, जो आपकी tax liability को कम करने में सहायक होती है और टीडीएस बचा सकती है।
रेंट पर एचआरए (HRA) छूट
यदि आप किराये पर रहते हैं और आपको एचआरए (House Rent Allowance) मिलता है, तो धारा 10(13A) के तहत इसका लाभ उठाकर आप Tax में छूट पा सकते हैं, जिससे आपकी कुल आय कम होगी और टीडीएस भी घट सकता है।
पैन कार्ड जमा करें
सुनिश्चित करें कि आपके सभी वित्तीय लेनदेन और Income Sources पर आपका पैन कार्ड सही तरीके से दर्ज हो। यदि आप पैन कार्ड नहीं जमा करते हैं, तो टीडीएस की कटौती Rate अधिक हो जाती है। PAN card जमा करने से आप सही दर पर टीडीएस कटौती सुनिश्चित कर सकते हैं।
टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट्स
टैक्स बचाने के लिए आप 5 साल के Tax Saving Fixed Deposit में निवेश कर सकते हैं, जो कि धारा 80C के अंतर्गत आता है।
इन उपायों का पालन करके आप TDS की अनावश्यक कटौती से बच सकते हैं और अपनी tax liability को कानूनी रूप से कम कर सकते हैं।
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FAQ Of TDS
प्रश्न 1. TDS क्या है?
TDS का मतलब Tax Deducted at Source है। यह एक प्रणाली है जिसमें भुगतानकर्ता (जैसे Employer, Bank) भुगतान करते समय Tax की कटौती करता है और इसे सरकार के पास जमा करता है।
प्रश्न 2. TDS किस प्रकार की आय पर कटता है?
TDS विभिन्न प्रकार की आय पर कटता है जैसे वेतन, Bank interest, rent, professional fees, कमीशन, Lottery winnings, fixed deposits, contracts,और म्यूचुअल फंड से प्राप्त लाभांश पर कटता है ।
प्रश्न 4. TDS दरें क्या होती हैं?
TDS की दरें आय के प्रकार और Taxpayers की श्रेणी पर निर्भर करती हैं। ये दरें सरकार द्वारा प्रत्येक वित्तीय वर्ष के लिए Specified की जाती हैं।
प्रश्न 5. अगर मेरे ऊपर TDS कटता है तो क्या मुझे आयकर रिटर्न भरना होगा?
हाँ, यदि आपकी कुल आय Tax योग्य सीमा से ऊपर है तो आपको Income Tax Returns भरना होगा। यदि आपका TDS ज्यादा कटा है, तो आप Income Tax Return Filing करके रिफंड का दावा कर सकते हैं।
प्रश्न 6. TDS काटने का दायित्व किस पर होता है?
TDS काटने का दायित्व Payers पर होता है। जैसे, employer अपने कर्मचारियों के वेतन से TDS काटता है, और बैंक ब्याज पर TDS काटता है।
प्रश्न 7. अगर TDS कट गया है, तो क्या मुझे और टैक्स देने की आवश्यकता है?
अगर आपकी कुल आय पर Tax TDS से अधिक है, तो आपको additional tax देना होगा। अगर TDS आपकी कुल Tax liability से अधिक है, तो आप रिफंड का दावा कर सकते हैं।
प्रश्न 7. मैं यह कैसे सुनिश्चित करूं कि मेरा TDS सही से जमा हुआ है?
आप फॉर्म 26AS का उपयोग करके अपनी आय और उस पर कटे गए TDS की जानकारी चेक कर सकते हैं। यह फॉर्म आयकर विभाग की Website पर उपलब्ध होता है।
प्रश्न 8. फॉर्म 15G/15H क्या है?
फॉर्म 15G (non-elderly persons के लिए) और फॉर्म 15H (Senior Citizens के लिए) वे फॉर्म हैं जो आप Bank or financial institution को तब जमा कर सकते हैं, जब आपकी कुल आय Tax योग्य Limit से कम हो और आप TDS से छूट चाहते हों।
प्रश्न 9. क्या नियोक्ता या भुगतानकर्ता द्वारा TDS नहीं काटने पर मुझे कोई कार्रवाई करनी चाहिए?
अगर Employer or Payer TDS नहीं काटता है, तो आपको अपनी आय पर स्वयं से अग्रिम कर (Advance Tax) का भुगतान करना चाहिए, अन्यथा आपको जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है।
प्रश्न 10. TDS की कटौती के बाद इसका भुगतान कब करना होता है?
TDS कटने के बाद, भुगतानकर्ता को इसे Govt के पास अगले महीने की 7 तारीख तक जमा करना होता है।