EPFO Full Form In Hindi कर्मचारी भविष्य निधि संगठन क्या है ?

अगर आप किसी कंपनी में या फिर किसी सरकारी कार्यालय में जॉब करते है तो आपको EPFO के बारे में जानकारी होना चाहिए EPFO Full Form Of Hindi “Employees Provident Fund Organisation” होता है ।

EPFO से आप नियमित बचत , टैक्स में लाभ . low रिस्क इन्वेस्टमेंट , एमरजेंसी में निकासी जैसे घर खरीदने , बच्चो की शादी एवम बच्चों के Education के लिए इसका फायदा ले सकते है आपको इस आर्टिकल में EPFO के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी जिसके लिए अंत तक जरुर बनें रहे।

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EPFO Full Form In Hindi

EPFO का फुल फॉर्म हिंदी में “Employees Provident Fund Organisation” होता है । यह भारत सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय के तहत एक सांविधिक निकाय है, जो कर्मचारियों को पेंशन, बीमा आदि की सुरक्षा प्रदान करता है ।

WordFull Formहिंदी अर्थ
EEmployees कर्मचारी
PProvident भविष्य
FFund निधि
OOrganisationसंगठन

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन क्या होता है ? 

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) एक सरकारी संस्था है जो Employees की बचत और पेंशन की देखभाल करती है। जब आप किसी Compnay में काम करते हैं, तो आपकी Salary का एक हिस्सा और आपके employer का एक हिस्सा EPFO में जमा होता है। यह पैसा आपकी भविष्य की जरूरतों के लिए सुरक्षित रहता है, जैसे कि Retirement के बाद या किसी आपात स्थिति में इसका लाभ ले सकते है ।

EPFO Full Form In Hindi
EPFO Full Form In Hindi

मुख्य रूप से, EPFO तीन योजनाओं का management करता है-

  1. भविष्य निधि (EPF– यह आपकी बचत है जो Retirement के समय एकमुश्त मिलती है।
  2. पेंशन (EPS)– यह योजना आपको Retirement के बाद नियमित पेंशन देती है।
  3. बीमा (EDLI)– इसमें आपके निधन पर आपके परिवार को बीमा राशि मिलती है।

इस तरह, EPFO आपके भविष्य को सुरक्षित रखने में Help करता है।

EPFO का काम क्या है ? 

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन का मुख्य काम Employees को social Security प्रदान करना है। इसके तहत, EPFO निम्नलिखित कार्य करता है-

Employees Provident Fund Organisation
Employees Provident Fund Organisation
  1. भविष्य निधि (EPF) का प्रबंधन– Employees और Employers से मासिक योगदान एकत्रित करना और इसे सुरक्षित निवेश में लगाना।
  2. पेंशन योजना (EPS) का प्रबंधन– Retirement के बाद Employees को नियमित पेंशन प्रदान करना।
  3. बीमा योजना (EDLI) का प्रबंधन– Employees के निधन पर उनके परिवार को बीमा राशि प्रदान करना।
  4. खाते का रखरखाव– Employees के व्यक्तिगत खाते का management और उनके योगदान का Record रखना।
  5. दावा निपटान– Employees द्वारा किए गए दावों को समय पर निपटाना, जैसे कि Retirement , नौकरी बदलने या किसी आपात स्थिति में।
  6. ऑनलाइन सेवाएं– Employees को Online Services प्रदान करना, जैसे कि पासबुक देखना, दावा करना, और Account की जानकारी Update करना।

EPFO का उद्देश्य Employees की वित्तीय सुरक्षा को सुनिश्चित करना और उन्हें एक सुरक्षित भविष्य प्रदान करना है।

EPF में पैसे कैसे जमा होते हैं? 

EPF में पैसे जमा करने की प्रक्रिया इस प्रकार है-

  1. कर्मचारी का योगदान- Employees की मासिक सैलरी का 12% हिस्सा EPF खाते में जमा होता है। यह योगदान कर्मचारी की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता (DA) पर आधारित होता है ।
  2. नियोक्ता का योगदान- employer भी कर्मचारी की बेसिक सैलरी और DA का 12% हिस्सा EPF में जमा करता है। इसमें से 8.33% हिस्सा कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में जाता है और बाकी 3.67% EPF खाते में जमा होता है ।
  3. सरकार का योगदान- सरकार भी इस Fund में योगदान करती है, जो कि बीमा योजना (EDLI) के तहत होता है ।
  4. ब्याज- EPF खाते में जमा राशि पर सरकार द्वारा निर्धारित ब्याज दर लागू होती है, जो हर साल बदल सकती है ।
  5. प्रक्रिया-
    • हर Month, कर्मचारी की सैलरी से EPF का हिस्सा काट लिया जाता है और employer द्वारा EPFO में जमा किया जाता है।
    • employer को यह सुनिश्चित करना होता है कि हर महीने की 15 तारीख तक यह राशि EPFO के पास जमा हो जाए ।
    • EPFO इस राशि को कर्मचारी के व्यक्तिगत EPF Account में जमा करता है।
  6. Online Services- कर्मचारी अपने EPF खाते की जानकारी ऑनलाइन देख सकते हैं। इसके लिए EPFO की वेबसाइट या Umang App का उपयोग किया जा सकता है ।

इस तरह, EPF में पैसे जमा होते हैं और यह आपके भविष्य के लिए एक सुरक्षित निवेश होता है। 

UAN कैसे पता चलता है ? 

आप अपने UAN (Universal Account Number) को निम्नलिखित Steps को follow करके पता कर सकते हैं-

  1. EPFO की वेबसाइट पर जाएं
  2. ‘Know Your UAN’ विकल्प चुनें
    • होम पेज पर, ‘Important Links’ सेक्शन में ‘Know your UAN’ पर क्लिक करें ।
  3. मोबाइल नंबर दर्ज करें
    • अपने EPF खाते से जुड़े Mobile Number और कैप्चा कोड को दर्ज करें।
  4. OTP प्राप्त करें
    • आपके मोबाइल नंबर पर एक OTP (One-Time Password) भेजा जाएगा। इसे दर्ज करें और ‘Validate OTP & get UAN’ पर क्लिक करें ।
  5. UAN प्राप्त करें
    • सफलतापूर्वक OTP सत्यापित होने के बाद, आपका UAN स्क्रीन पर प्रदर्शित होगा।
  6. UAN को सक्रिय करें
    • UAN प्राप्त करने के बाद, इसे सक्रिय करने के लिए EPFO Member e-SEWA पोर्टल पर जाएं।
    • ‘Activate UAN’ विकल्प पर क्लिक करें और आवश्यक जानकारी (UAN, नाम, जन्म तिथि, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर) दर्ज करें।
    • ‘Get Authorization Pin’ पर क्लिक करें और प्राप्त OTP को दर्ज करें ।
  7. पासवर्ड प्राप्त करें
    • UAN सक्रिय होने पर, आपके Registered मोबाइल नंबर पर एक पासवर्ड भेजा जाएगा, जिसका उपयोग आप अपने Account में लॉगिन करने के लिए कर सकते हैं।

यह Process करके आप आसानी से अपना UAN पता कर सकते हैं और इसे Active कर सकते हैं।

UAN क्यों महत्वपूर्ण है? 

UAN (Universal Account Number) निम्न कारणों से बहुत महत्वपूर्ण है

सभी EPF खातों का Integration

UAN आपके सभी EPF अकाउंट को एक ही नंबर के तहत Integration करता है, चाहे आप कितनी भी नौकरियां बदलें। इससे आपके सभी Account को Track करना आसान हो जाता है।

Online services का उपयोग

UAN के माध्यम से आप EPFO की विभिन्न online services का उपयोग कर सकते हैं, जैसे कि Passbook देखना, दावा करना, और खाते की जानकारी Update करना।

सुविधाजनक claim process

UAN के माध्यम से आप अपने EPF दावों को Online जमा कर सकते हैं, जिससे Process तेज और सरल हो जाती है।

पोर्टेबिलिटी

UAN के कारण, जब आप नौकरी बदलते हैं, तो आपका नया EPF Account आपके पुराने Account से link हो जाता है। इससे आपको अलग-अलग Account को मैनेज करने की जरूरत नहीं होती।

सुरक्षा

UAN के माध्यम से आपके Account की जानकारी सुरक्षित रहती है और आप इसे आसानी से Monitor कर सकते हैं।

SMS and email alerts

UAN Active होने पर, आपको आपके Account में होने वाले सभी लेन-देन की जानकारी SMS और ईमेल के माध्यम से मिलती रहती है।

UAN आपके EPF खाते को मैनेज करने और सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के फायदे

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के कई फायदे हैं जो कर्मचारियों को वित्तीय सुरक्षा और लाभ प्रदान करते हैं। यहाँ EPFO के 8 प्रमुख फायदे दिए गए हैं-

EPFO ka full form
EPFO ka full form
  1. भविष्य निधि (EPF)– यह योजना कर्मचारियों को Retirement के समय एकमुश्त राशि प्रदान करती है, जो उनकी बचत होती है ।
  2. पेंशन योजना (EPS)– यह योजना सेवानिवृत्ति के बाद नियमित पेंशन प्रदान करती है, जिससे Employee को वित्तीय स्थिरता मिलती है ।
  3. बीमा योजना (EDLI)– इस योजना के तहत, Employee के निधन पर उनके परिवार को बीमा राशि मिलती है, जो 6 लाख रुपये तक हो सकती है ।
  4. tax benefits– EPF में जमा राशि और उस पर मिलने वाला ब्याज दोनों ही Tex मुक्त होते हैं, जिससे कर्मचारियों को Tex में छूट मिलती है ।
  5. ऑनलाइन सेवाएं– EPFO की ऑनलाइन सेवाओं के माध्यम से कर्मचारी अपने खाते की जानकारी देख सकते हैं, पासबुक डाउनलोड कर सकते हैं, और दावे कर सकते हैं ।
  6. ऑटो ट्रांसफर नौकरी बदलने पर EPF का पैसा नए खाते में ऑटोमेटिक ट्रांसफर हो जाता है, जिससे प्रक्रिया सरल हो जाती है।
  7. ब्याज– EPF खाते में जमा राशि पर सरकार द्वारा निर्धारित ब्याज मिलता है, जो हर साल बदल सकता है ।
  8. आपातकालीन निकासी– Employee विशेष परिस्थितियों में, जैसे कि बीमारी, उच्च शिक्षा, शादी आदि के लिए अपने EPF खाते से पैसे निकाल सकते हैं ।

EPFO के ये फायदे कर्मचारियों को वित्तीय सुरक्षा और स्थिरता प्रदान करते हैं।

EPFO के नियम

2024 में EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) ने कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं।

  1. ऑटोमेटिक PF ट्रांसफर– अब नौकरी बदलने पर पुराना PF बैलेंस नए employer के खाते में Automatic Transfer हो जाएगा, जिससे Manual Transfer की आवश्यकता नहीं होगी ।
  2. न्यूनतम वेतन सीमा में संशोधन: EPF योगदान के लिए न्यूनतम वेतन सीमा को संशोधित किया गया है। अब ₹15,000 या उससे कम मासिक वेतन वाले Employee को EPF में योगदान करना अनिवार्य है ।
  3. पेंशन राशि में बदलाव– Employee की विधवाओं के लिए न्यूनतम मासिक पेंशन राशि ₹1,000 निर्धारित की गई है ।
  4. क्लेम प्रक्रिया में सुधार– ₹1,00,000 तक के क्लेम के लिए ऑटो-सेटलमेंट की सुविधा दी गई है। इसके अलावा, मल्टी-लोकेशन क्लेम सेटलमेंट और चेक लीफ इमेज अपलोड करने की आवश्यकताओं को सरल बनाया गया है
  5. ब्याज दर में वृद्धि– वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए EPF की ब्याज दर को 8.25% कर दिया गया है, जो पिछले वर्ष की 8.15% दर से अधिक है।
  6. ऑनलाइन सेवाओं का विस्तार– EPFO की वेबसाइट और Umang App के माध्यम से अधिक Online Services उपलब्ध कराई गई हैं, जिससे कर्मचारी अपने Account की जानकारी आसानी से देख सकते हैं ।
  7. नए सदस्य जोड़ना– जनवरी 2024 में EPFO ने 16.02 लाख नए सदस्य जोड़े हैं, जिससे संगठन की सदस्यता में वृद्धि हुई है ।
  8. मृत्यु क्लेम में सुधार– अब मृत्यु क्लेम के लिए आधार की आवश्यकता नहीं है, जिससे Process सरल हो गई है ।
  9. प्रशासनिक शुल्क में बदलाव: EPF प्रशासनिक शुल्क को 0.50% पर निर्धारित किया गया है2.
  10. छोटे प्रतिष्ठानों के लिए योगदान दर: 20 से कम कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों के लिए योगदान दर को 10% कर दिया गया है ।

ये बदलाव EPFO को अधिक User-friendly और प्रभावी बनाने के लिए किए गए हैं।

ईपीएफ योजना के लिए कौन पात्र है? 

ईपीएफ (कर्मचारी भविष्य निधि) योजना के लिए पात्रता निम्नलिखित है:

कंपनी का आकार

20 या उससे अधिक कर्मचारियों वाली कंपनियों को EPF योजना में पंजीकरण कराना अनिवार्य है। 20 से कम कर्मचारियों वाली कंपनियां भी स्वेच्छा से Registration करा सकती हैं ।

वेतन सीमा

₹15,000 या उससे कम मासिक वेतन पाने वाले सभी कर्मचारी EPF योजना के लिए पात्र होते हैं। हालांकि, ₹15,000 से अधिक वेतन पाने वाले कर्मचारी भी स्वेच्छा से इस योजना में शामिल हो सकते हैं ।

नए कर्मचारी

जब कोई नया कर्मचारी किसी कंपनी में शामिल होता है, तो उसे EPF योजना में स्वचालित रूप से शामिल किया जाता है, यदि वह Eligibility Criteria को पूरा करता है ।

Optional पंजीकरण

वे कर्मचारी जो पहले से EPF योजना में शामिल नहीं हैं, वे भी स्वेच्छा से इस योजना में शामिल हो सकते हैं, बशर्ते उनका employer सहमत हो ।

विदेशी कर्मचारी

भारत में काम करने वाले विदेशी कर्मचारी भी EPF योजना में शामिल हो सकते हैं, यदि वे भारतीय नागरिक नहीं हैं और उनके देश के साथ भारत का सामाजिक सुरक्षा समझौता है ।

अंशकालिक कर्मचारी

अंशकालिक कर्मचारी भी EPF योजना के लिए पात्र होते हैं, यदि वे न्यूनतम वेतन सीमा को पूरा करते हैं । EPF योजना कर्मचारियों को वित्तीय सुरक्षा और सेवानिवृत्ति के लिए बचत करने का एक महत्वपूर्ण साधन प्रदान करती है। 

AEPS Full Form In Hindi – आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम क्या है ?

EPS में पेंशन कैसे मिलता है ? 

EPS (कर्मचारी पेंशन योजना) के तहत पेंशन प्राप्त करने की प्रक्रिया इस प्रकार है:

  1. योग्यता
    • कर्मचारी को EPFO का सदस्य होना चाहिए।
    • कम से कम 10 साल की सेवा पूरी होनी चाहिए।
    • कर्मचारी की उम्र 58 साल होनी चाहिए ।
  2. पेंशन का दावा
    • कर्मचारी 58 साल की उम्र पूरी करने पर पेंशन का दावा कर सकता है।
    • 50 साल की उम्र के बाद भी पेंशन का दावा किया जा सकता है, लेकिन इसमें पेंशन की राशि कम हो जाती है ।
  3. पेंशन भुगतान आदेश (PPO)
    • पेंशन का दावा करने के बाद, EPFO द्वारा एक पेंशन भुगतान आदेश (PPO) जारी किया जाता है।
    • PPO नंबर के माध्यम से पेंशन का भुगतान किया जाता है ।
  4. बैंक खाता
    • पेंशन राशि सीधे पेंशनर के बैंक खाते में जमा की जाती है।
    • 2025 से, पेंशनर किसी भी बैंक शाखा से अपनी पेंशन प्राप्त कर सकते हैं, जिससे PPO ट्रांसफर की आवश्यकता नहीं होगी ।
  5. ऑनलाइन प्रक्रिया
    • EPFO की Website या उमंग ऐप के माध्यम से पेंशन का दावा Online किया जा सकता है।
    • पेंशनर अपने पेंशन खाते की जानकारी ऑनलाइन देख सकते हैं और Update कर सकते हैं ।
  6. पेंशन की गणना
    • पेंशन की राशि कर्मचारी की सेवा अवधि और अंतिम Salary पर आधारित होती है।
    • पेंशन की गणना के लिए एक विशेष फॉर्मूला का उपयोग किया जाता है ।

इस प्रक्रिया के माध्यम से, कर्मचारी अपनी Retirement के बाद नियमित पेंशन प्राप्त कर सकते हैं। 

Source

FAQ Of EPFO

प्रश्न 1. ईपीएफ का ब्याज कितना है? 

वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए ईपीएफ (कर्मचारी भविष्य निधि) की ब्याज दर 8.25% निर्धारित की गई है यह ब्याज दर 1 अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक के सभी योगदानों पर लागू होती है 

प्रश्न 2. पीएफ कितने दिन में आता है 2024?

2024 में, EPF (कर्मचारी भविष्य निधि) निकासी के लिए निम्नलिखित समय सीमा निर्धारित की गई है-
ऑनलाइन क्लेम- Online Claim को आमतौर पर 3 कार्य दिवसों के भीतर निपटाया जाता है ।
ऑफलाइन क्लेम- Online Claim को निपटाने में 20 कार्य दिवसों तक का समय लग सकता है ।

प्रश्न 3. ईपीएफ का पूरा नाम क्या है? 

ईपीएफ का पूरा नाम “कर्मचारी भविष्य निधि” (Employees’ Provident Fund) है। यह योजना कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के लिए बनाई गई है।

प्रश्न 4. EPFO की स्थापना कब हुई थी? 

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की स्थापना 15 नवंबर 1951 को हुई थी, जब कर्मचारी भविष्य निधि अध्यादेश जारी किया गया था। बाद में, इसे कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम 1952 द्वारा प्रतिस्थापित किया गया।

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